BHU में नए सत्र से वैदिक विधि शास्त्र, गणित, विज्ञान और चित्त विज्ञान पर स्पेशल कोर्स

बीएचयू का वैदिक विज्ञान केंद्र भारत के प्राचीन ज्ञान पर आधारित तीन नए विशेष कोर्स इस सत्र से शुरू कर रहा है। वैदिक गणित में डिप्लोमा वैदिक विज्ञान में डिप्लोमा वैदिक विधि शास्त्र और वैदिक चित्त विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा समेत कुल कोर्सों के संचालन को मंजूरी मिली है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 10:44 AM (IST)
BHU में नए सत्र से वैदिक विधि शास्त्र, गणित, विज्ञान और चित्त विज्ञान पर स्पेशल कोर्स
बीएचयू का वैदिक विज्ञान केंद्र भारत के प्राचीन ज्ञान पर आधारित तीन नए कोर्स इस सत्र से शुरू।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बीएचयू का वैदिक विज्ञान केंद्र भारत के प्राचीन ज्ञान पर आधारित तीन नए विशेष कोर्स इस सत्र से शुरू कर रहा है। सत्र 2021-22 से वैदिक गणित में डिप्लोमा, वैदिक विज्ञान में डिप्लोमा, वैदिक विधि शास्त्र और वैदिक चित्त विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा समेत कुल कोर्सों के संचालन को मंजूरी मिली है। वहीं इनमें से एक चित्त विज्ञान कोर्स को जल्द ही शुरू किया जाएगा। हर कोर्स में 50-50 सीटें होंगी और वैदिक विज्ञान केंद्र को विश्वविद्यालय द्वारा इसके संचालन की प्रशासनिक संस्तुति दी गई है।

सप्ताह भर में इसका विज्ञापन भी जारी हो जाएगा। बीएचयू वैदिक विज्ञान के समन्वयक प्रो. उपेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि वैदिक विज्ञान में निहित तत्वों को शैक्षणिक और एकेडमिक तंत्र में शामिल करने में इन कोर्सों की अच्छी भूमिका होगी। इससे न केवल देश की विरासत और प्राचीन साहित्य को सहेजने का काम होगा बल्कि प्राचीन विज्ञान से वर्तमान की चुनौतियों को कम करने में मदद भी मिल सकेगी। अभी तक भारत के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में वैदिक ज्ञान-विज्ञान पर इतने आधारित पाठ्यक्रम नहीं चल रहे हैं।

दाखिले के लिए जरूरी योग्यता

एक वर्षीय ‘‘वैदिक विज्ञान में डिप्लोमा’’ में प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता बारहवीं और संस्कृत भाषा के आधारभूत ज्ञान अनिवार्य किया गया है। वहीं वैदिक गणित, वैदिक विधिशास्त्र और वैदिक चित्त विज्ञान में प्रवेश के लिए किसी भी विषय में स्नातक व संस्कृत भाषा का ज्ञान होना जरूरी है। उपर्युक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अधिकतम 50 सीट के अतिरिक्त विश्वविद्यालय मानक के अनुसार भुगतान सीट और अन्य सीटें होंगी।

ग्रंथालय नए भवन में शिफ्ट

वैदिक विज्ञान केंद्र ने इससे पहले वैदिक प्रौद्योगिकी में भी पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू किया था, मगर कोविड के आने से अभी तक एक भी सत्र इसका संचालित नहीं हो सका है। वैदिक विज्ञान केंद्र का ग्रंथालय विश्वनाथ मंदिर के पास बने नए भवन में अभी तक शिफ्ट हो चुका है। वहीं जल्द ही भवन में कक्षाएं भी शुरू की जा सकेंगी। इस भवन के बगल में एक और भवन तैयार हो रहा है जहां पर वैदिक विज्ञान केंद्र का संग्रहालय और प्रायोगिक कार्यों में छात्र-छात्रा जुड़े रहेंगे।

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