SP Balasubrahmanyam Dies : अस्सी घाट पर एसपी बालासुब्रमण्यम ने सजायी थी सुबह-ए-बनारस की महफिल
13 अगस्त 2017 की बात है जब काशी में अस्सी घाट पर सूरज की रश्मियों को नमन करने के साथ ही गीतांजलि की प्रस्तुति देने सुबह-ए-बनारस के आयोजन में उस शनिवार की सुबह वाराणसी पहुंचे चर्चित पार्श्वगायक एसपी बालासुब्रमण्यम ने घाट पर संगीतांजलि से सभी को भावविभोर कर दिया।
वाराणसी, जेएनएन। कई चर्चित गानों को अपने सुरों से सजाने वाले एसपी बालासुब्रह्मण्यम का शुक्रवार को निधन हो गया। उनके निधन से काशी में भी उनके प्रशंसकों में निराशा है। एसपी बालासुब्रह्मण्यम की तबीयत बीते गुरुवार को अचानक बिगड़ने के चलते नाजुक हो गई थी। उनकी सेहत को लेकर एमजीएम अस्पताल द्वारा बताया गया था कि अगस्त के महीने में कोविड की जांच में नतीजा पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इसी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इसके बाद से ही उनको सेहत संबंधी समस्याएं होने लगी थीं। 5 अगस्त को एमजीएम हेल्थकेयर में थिरु एसपी बालासुब्रह्मण्यम ईसीएमओ और अन्य लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर बने हुए थे। उनकी हालत बाद में नाजुक होती गई और सेहत में सुधान होने से उन्होंने शुक्रवार को दम तोड़ दिया।
काशी में संगीतांजलि
बात आज से लगभग तीन वर्ष पहले 13 अगस्त 2017 की है जब काशी में अस्सी घाट पर सूरज की रश्मियों को नमन करने के साथ ही गीतांजलि की प्रस्तुति देने सुबह-ए-बनारस के आयोजन में उस शनिवार की सुबह वाराणसी पहुंचे चर्चित पार्श्वगायक एसपी बालासुब्रमण्यम ने घाट पर संगीतांजलि से सभी को भावविभोर कर दिया। इस दौरान उनके साथ प्रख्यात ड्रम वादक शिवमणि ने भी ड्रम पर सुरों को ताल देकर लाजवाब संगत की तो घाट पर आयोजन के दौरान दो प्रख्यात हस्तियों का गायन और वादन सुनकर संगीत रसिक निहाल नजर आए। इसके अलावा वह संकटमोचन मंदिर में भी अपनी प्रस्तुति देना चाह रहे थे।
सुरों से की थी साधना
वहीं कार्यक्रम के दौरान सात बटुकों संग गंगा आरती में हिस्सा लेने के बाद लोकमंगल की कामना से यज्ञ भी किया था। आयोजन के दौरान मां गंगा को पुष्पांजलि और सूर्य देव को अर्घ्य के साथ संगीत की महफिल सजी तो संगीत रसियों का अंतरमन निहाल हो उठा। इस कार्यक्रम में उनकी प्रथम प्रस्तुति राग अहिर भैरव में आदि ताल में निबद्ध शिव स्तुति थी जिसे सुनाकर श्रोता मंत्रमुग्ध नजर आए। वहीं शिव की नगरी काशी में गीत के बोल 'ओम नम: शिवाय' और फिर गंगा स्तुति 'गंगा तरंग रमणीयम जटा कलापं' को सुनाकर विराम लिया तो घाट हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा।
दोबारा काशी आने की जताई थी चाह
इस दौरान जागरण से बातचीत करते हुए पार्श्व गायक एसपी बालसुब्रमण्यम ने बताया था कि 'सुबह ए बनारस' जैसे प्रतिष्ठित मंच पर गाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मेरी इच्छा है कि दोबारा मुझे इस मंच से गाने का अवसर मिले। इस दौरान उन्होंने बताया था कि वह सपरिवार काशी के चिंतामणि गणेश मंदिर में शिवलिंग स्थापना के लिए आए हैं। इस दौरान उनके साथ में उनकी पत्नी सावित्री देवी भी मौजूद थीं। उन्होंने वायदा किया था कि इस बार वह पारिवारिक काम से काशी आए हैं। अगली बार जब आएंगे तो वह अपनी मंच पर और भी प्रस्तुतियां देंगे।