Sonbhadra Panchayat Election : इस बार भी हाईटेक न हो सका चुनाव का परिणाम, अपलोड नहीं हुआ विवरण
त्रिस्तरीय पंचायतों की मतगणना के बाद जीते प्रत्याशियों का डाटा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दर्ज किया जाना था। मतगणना स्थल से ही इस काम को आनलाइन करना था। इसी के बाद जीते दावेदारों को प्रमाण पत्र दिया जाना था लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो सका।
सोनभद्र, जेएनएन। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार पंचायत चुनाव को इंटरनेट मीडिया के जरिये हर किसी तक पहुंचाने की योजना बनाई थी, लेकिन ब्लाक में तैनात रिटर्निंग अधिकारियों ने इसे पलीता लगा दिया। मतगणना में अपनी हांकने वाले इन आरओ की वजह से मतगणना के बाद जीते प्रत्याशियों का विवरण आनलाइन दर्ज नहीं हो सका। इस काम से जुड़े अधिकांश कार्मिक मोबाइल बंद करके बैठ गए। आलम यह था कि मतगणना समाप्त होने के तीन दिन बाद तक व्यवस्थाएं बहाल नहीं हो सकी।
त्रिस्तरीय पंचायतों की मतगणना के बाद जीते प्रत्याशियों का डाटा राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दर्ज किया जाना था। मतगणना स्थल से ही इस काम को आनलाइन करना था। इसी के बाद जीते दावेदारों को प्रमाण पत्र दिया जाना था, लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो सका। मतगणना पूरी होने के बाद भी परिणाम साइट पर अपलोड नहीं किए। बुधवार को भी इस लापरवाही की चुगली आयोग की वेबसाइट कर रही है। पहले और दूसरे दिन तक कुछ गांवों का परिणाम अपलोड हो सके हैं।
आरओ को कराना था काम
जीते प्रत्याशियों का ब्योरा दर्ज कराने का जिम्मा संबंधित ब्लाक के आरओ का था, लेकिन मतगणना पूरी कराने के बाद आरओ इस काम को दो से तीन दिन में भी पूरा नहीं कर सके।
परिणाम के बाद चुनावी रंजिश बढ़ने की आशंका
पंचायत चुनाव समाप्त हो गया है। परिणाम भी सामने आ गए हैं। अब पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती जिले के दर्जनभर से अधिक गांवों में रंजिशों के मुखर होने से रोकने की है। इसको लेकर पुलिस स्तर से तैयारी की जा रही है। गांव-गांव ऐसी रंजिशों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां किसी अनहोनी की आशंका है। पंचायत स्तर पर हर बार परिणाम जारी होने के बाद रंजिशें बढ़ती हैं।
जिले में एक दर्जन से अधिक ऐसी पंचायतें हैं, जिन पर पुलिस का विशेष ध्यान है। कुछ विवाद तो ऐसे भी रहे जो परिणाम जारी होने के तत्काल बाद थाने पहुंचे हैं, जिन्हें लेकर पुलिस अलर्ट है। उन गांवों पर विशेष नजर रखी जा रही है। कहीं विवाद साठगांठ कर चुनाव जिताने का है तो कहीं हार से बौखलाए लोग विवाद पैदा करने को आतुर हैं।