अपना दल एस के खाते में गई सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट, उम्मीदवार का चयन हुआ मुश्किल

सोनभद्र में सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के लिए गुरुवार का दिन मायूसी लेकर आया। यह अलग बात है कि इस विषय पर किसी ने खुलकर अपनी राय तो नहीं रखी लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी अद (एस) के खाते में जाने से वह बेचैन जरूर दिखे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:10 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:10 PM (IST)
अपना दल एस के खाते में गई सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट, उम्मीदवार का चयन हुआ मुश्किल
सोनभद्र में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी अद (एस) के खाते में गया

सोनभद्र, जागरण संवाददाता। जिले में सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के लिए गुरुवार का दिन मायूसी लेकर आया। यह अलग बात है कि इस विषय पर किसी ने खुलकर अपनी राय तो नहीं रखी, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी अद (एस) के खाते में जाने से वह बेचैन जरूर दिखे। आला कमान के आदेश का उन्हें पालन करना होगा, वहीं दूसरी ओर अभी तक दर्शक की तरह पूरे खेल को देख रहे अपना दल के पदाधिकारी सीट फाइनल होते ही पूरी तरह से सक्रिय हो गए।

जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल ने बैठक करके अपने संभावित चार उम्मीदवारों की सूची भी आला कमान के पास भेज दी। वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष सीट अपना दल के पाले में जाने से समाजवादी पार्टी के खेमे में खुशी देखी गई। दबे स्वर में कइयों ने कहा कि इस निर्णय से उन लोगों का राह आसान हो गया। यह राह कितना आसान हुआ वह तो तीन जुलाई को पता चलेगा लेकिन गठबंधन की राजनीति में जनपद के भाजपा नेता जरूर हासिए पर चले गए। बहरहाल जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने के लिए किस कदर सत्ता पक्ष व पैसे का प्रयोग होता है यह किसी से छिपा नहीं है। देखना यह है कि अपना दल (एस) किसको अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाता है।

चार समर्थित सदस्य हैं अद के पास

जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अपना दल (एस) के चार समर्थित उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। अभी तक अद के समर्थित सदस्य किस पाले में जाएंगे इसको लेकर संशय की स्थिति थी, लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं। जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल ने बताया कि जिन चार उम्मीदवारों का नाम आला कमान के पास भेजा गया है, उसमें से दो पार्टी समर्थित सदस्य हैं वहीं दो निर्दल हैं। बताया कि इसमें से दो अनारक्षित तो दो आरक्षित वर्ग के सदस्य हैं।

16 वर्ष के वनवास पर सबकी नजर

जिला पंचायत अध्यक्ष पद इस बार अनारक्षित है। इस वर्ग से 16 वर्ष पहले देवेंद्र शास्त्री जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बैठे थे। इसके बाद अनारक्षित वर्ग की सीट होने के बाद भी इस कुर्सी पर आरक्षित वर्ग के लोग ही बैठे थे। इसको समझते हुए समाजवादी पार्टी ने तो अनारक्षित वर्ग से जयप्रकाश पांडेय पर दाव लगाया है, वहीं अब अद के उम्मीदवार पर सबकी नजर टिकी हुई है।

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