साफ्टवेयर से वाराणसी और प्रयागराज में रुकेगा ऑक्सीजन का दुरूपयोग, लीकेज रोकने को आइआइटी-बीएचयू की मदद करेगा एमएनएनआइटी

अस्पताल में रोगी 24 घंटे में कितना ऑक्सीजन केन्डूला नेब्युलाइजर ऑक्सीजन मास्क सिलिंडर या फिर वेंटिलेटर से ग्रहण कर करते हैं इसका विश्लेषण कर एक डाटा सॉफ्टवेयर में फीड किया जाएगा। इससे एक अस्पताल में जितनी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है उतनी ही सप्लाई की जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 09:20 AM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 01:18 PM (IST)
साफ्टवेयर से वाराणसी और प्रयागराज में रुकेगा ऑक्सीजन का दुरूपयोग, लीकेज रोकने को आइआइटी-बीएचयू की मदद करेगा एमएनएनआइटी
आइआइटी-बीएचयू सॉफ्टवेयर द्वारा वाराणसी और प्रयागराज के सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन के दुरुपयोग को रोकेगा।

वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी-बीएचयू सॉफ्टवेयर द्वारा वाराणसी और प्रयागराज के सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन के दुरुपयोग को रोकेगा। यह सॉफ्टवेयर बताएगा कि शहर में किस जगह पर ऑक्सीजन की लीकेज है अर्थात ऑक्सीजन सप्लाई में कोई तकनीकी खराबी हो या किसी अस्पताल में जरूरत से ज्यादा या कम खपत है और कहां पर इसकी चोरी हो रही है यह सब कुछ सॉफ्टवेयर के द्वारा पकड़ा जाएगा। इसकी रिपोर्ट से रोजाना अस्पतालों व प्रशासन को अवगत कराया जाएगा, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति में पारदर्शिता और पर्याप्तता बनी रहे।

आइआइटी-बीएचयू प्रयागराज के मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के साथ दोनों मंडलों में ऑक्सीजन ऑडिट का कार्य करेगा। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में ऑक्सीजन ऑडिट की जिम्मेदारी मुख्य रूप से आइआइटी-बीएचयू, आइआइटी कानपुर और आइआइएम-लखनऊ को प्रदान की है।

नहीं होगी अब ऑक्सीजन की कमी

आइआइटी-बीएचयू में ऑक्सीजन ऑडिट के नोडल अधिकारी स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के समन्वयक प्रो. विकास दुबे को बनाया गया है, जबकि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. आर के सिंह और डॉ. वी एन लाल सहयोगी की भूमिका निभा रहे हैं। प्रो. दुबे ने बताया कि अस्पताल में रोगी 24 घंटे में कितना ऑक्सीजन केन्डूला, नेब्युलाइजर, ऑक्सीजन मास्क, सिलिंडर या फिर वेंटिलेटर से ग्रहण कर करते हैं, इसका विश्लेषण कर एक डाटा सॉफ्टवेयर में फीड किया जाएगा। इससे एक अस्पताल में जितनी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है उतनी ही सप्लाई की जाएगी। वहीं अन्य अस्पतालों में जहां ऑक्सीजन की मांग अधिक है वहां पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। डमी डाटा डालकर सॉफ्टवेयर का परीक्षण कर लिया गया है, वहीं अब अस्पताल को एक सर्कुलर जारी कर वास्तविक डाटा के साथ टेस्टिंग की जाएगी। सॉफ्टवेयर निर्माण और इसके देखरेख का कार्य प्रमुख रूप से आइआइटी-कानपुर द्वारा किया जा रहा है।

ऑक्सीजन की आडिट पर सरकार की ओर से जो जिम्मेदारी दी गई

ऑक्सीजन की आडिट पर सरकार की ओर से जो जिम्मेदारी दी गई है उस पर तत्काल कार्य शुरू कर दिया गया है। वाराणसी और प्रयागराज मंडल के सभी अस्पतालों से प्रति मरीज ऑक्सीजन की खपत और मरीजों की संख्या जुटाई जा रही है। इससे जल्द ही जरुरतमंदों तक ऑक्सीजन की पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।

- प्रो. प्रमोद कुमार जैन, निदेशक, आइआइटी-बीएचयू, वाराणसी

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