Smart School of Varanasi : 645 बच्चों का हुआ नामांकन, वर्तमान सत्र में 1700 विद्यार्थियों के दाखिले का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकार्पण के बाद मछोदरी स्थित स्मार्ट विद्यालय में दाखिले लेने की होड़ सी मच गई है। इस वर्ष स्मार्ट विद्यालय में 1700 बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस सत्र में 645 नए बच्चों का नामांकन किया जा चुका है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकार्पण के बाद मछोदरी स्थित स्मार्ट विद्यालय में दाखिले लेने की होड़ सी मच गई है। इस वर्ष स्मार्ट विद्यालय में 1700 बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस सत्र में 645 नए बच्चों का नामांकन किया जा चुका है। इसमें प्राइमरी सेक्शन में करीब 250 व उच्चतर माध्यमिक सेक्शन में 397 बच्चे शामिल है। वहीं विद्यालयों में पहले से ही 167 बच्चे पंजीकृत है।
दरअसल इस परिसर में बेसिक शिक्षा विभाग से कक्षा एक से पांच तक तथा यूपी बोर्ड से कक्षा छह से दस तक की कक्षाएं चलती थी। स्मार्ट सिटी के तहत जीर्णोद्धार कार्य चलने के कारण प्राथमिक विद्यालय-मछोदरी के बच्चे पठानी टोला स्थित विद्यालय में कर दिए गए हैं। वहीं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थी व अध्यापक रामघाट स्थित नगर निगम के विद्यालय से संबद्ध है। इस विद्यालय में प्राथमिक विद्यालय के लिए सात कमरे अलग से बनाए गए हैं। अब एक माह के भीतर विद्यालयों के मूूल स्थान पर स्थानांतरित करने का लक्ष्य है। स्मार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य अग्नि कुमार सिंह ने बताया कि स्मार्ट स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी प्रकार प्राइमरी विद्यालय की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि कक्षा एक से पांच तक करीब 250 आवेदन अब तक आ चुके हैं। इसमें से 100 बच्चों को आनलाइन क्लास से जोड़ा भी जा चुका है।
लिफ्ट की भी सुविधा
स्मार्ट सिटी के तहत मछोदरी स्थित स्मार्ट विद्यालय करीब 14.21 करोड़ की लागत से बना है। नगर निगम का इस विद्यालय स्मार्ट क्लास रूम, ऑडिटोरियम, कंप्यूटर लैब, स्किल डेवलमेंट सेंटर, अग्नि शमन, सीसीटीवी कैमरा, शुद्ध पेयजल सहित अन्य आधुनिक सुविधाओं से लैस है। जनपद का यह पहला सरकारी विद्यालय होगा, जिसमें लिफ्ट की भी सुविधा है।
अंग्रेजी माध्यम में होगा तब्दील
बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित प्राथमिक विद्यालय वर्तमान में हिंदी माध्यम से संचालित होता है। वहीं यह विद्यालय एक मात्र शिक्षामित्र के भरोसे चल रहा है। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि जल्द ही इसे अंग्रेजी माध्यम में तब्दील करने की योजना है। यही नहीं छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती भी की जाएगी। इसके लिए रूपरेखा बनानी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा पांडेयपुर, महमूरगंज, शिवपुर, दुगाकुंड व पिशाचमोचन स्थित विद्यालय को भी अंग्रेजी माध्यम से करने का प्रस्ताव है।