स्मार्ट सिटी : शहर में 720 स्थानों पर लगेंगे सर्विलांस कैमरे, यातायात पर नियंत्रण के साथ अपराध पर भी नजर
एक नया निर्णय यह लिया गया है कि यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 720 स्थानों पर 2880 हाई पावर कैमरे लगाएं जाएंगे।
वाराणसी [श्रीराम त्रिपाठी]। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर को अत्याधुनिक बनाने की ओर प्रशासनिक अधिकारी अग्रसर हैं। इस कड़ी में एक नया निर्णय यह लिया गया है कि यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 720 स्थानों पर 2880 हाई पावर कैमरे लगाएं जाएंगे। इस पूरे सिस्टम को स्थापित करने के लिए 135.37 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इन कैमरों से यातायात पर नियंत्रण रखने के साथ अपराध पर भी नजर रखी जाएगी।
गौरतलब है कि यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिए पूर्व में भी लगभग 300 कैमरे विभिन्न चौराहों पर लगाए जा चुके हैं लेकिन इस दफा अत्याधुनिक हाई पावर कैमरे सीसीआर सिगरा से न जुड़कर पुलिस लाइन में बनने वाले एक अलग कंट्रोल रूम से नियंत्रित होंगे। चौराहों पर लगने वाले कैमरे सीधे थानों से भी जुड़े रहेंगे। इससे विशेष परिस्थितियों में थानेवार निगरानी की जा सकेगी। इससे पहले स्मार्ट सिटी के तहत जो प्लान बना था उसमें इन सभी 720 स्थानों पर 2880 कैमरों से निगरानी भी सीसीआर सिगरा से होनी थी लेकिन प्रमुख सचिव के हस्तक्षेप के बाद अब पूरा प्लान बदल गया है। नई योजना के मुताबिक इन कैमरों पर निगरानी रखने के लिए एक शिफ्ट में कम से कम 25 पुलिसकर्मियों की जरूरत होगी। इतने पुलिसकर्मियों के सीसीआर सिगरा में बैठने की जगह नहीं होने से इसे पुलिस लाइन में बनाने की योजना है।
वर्तमान में चौराहों पर लगे लगभग तीन सौ कैमरे आरएलवीडी (रेड लाइट वायोलेशन डिटेक्शन) श्रेणी के हैं जो यातायात नियमों के मुताबिक लाल बत्ती के जलने के बाद जेब्रा लाइन क्रास करने वालों की तस्वीरें लेती हैं। इसमें कैमरे को जूम करके नंबर और वाहन पर बैठे व्यक्ति को देखा जाता है। अब जो कैमरे लगेंगे एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकोग्निशन) श्रेणी के हैं जो सामान्य तौर पर चलने वाले वाहनों का नंबर भी अपने आप कैच करेगा। इन कैमरों से किसी वाहन या विशेष वाहन पर भी निगरानी रखी जा सकेगी। ये कैमरे शहर के सभी प्रवेश या निकासी वाले स्थान पर लगाए जाएंगे जो संदिग्ध वाहनों पर निगरानी रखेगा। साथ ही प्रमुख जंक्शन और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाले स्थानों पर लगाए जाएंगे।
बोले अधिकारी : प्रमुख सचिव के निर्देश के बाद डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एक महीने के अंदर इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
-विक्रमादित्य सिंह मल्लिक, स्मार्ट सिटी प्रभारी व संयुक्त नगर आयुक्त।