Smart City Ranking : 837 करोड़ की योजनाओं से स्मार्ट हो रहे बनारस का बदल रहा नजारा

837 करोड़ की योजनाओं से अपनी मस्ती में रहने वाला बनारस स्मार्ट हो रहा है। स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं की बात करें तो करीब 561 करोड़ की 25 गतिमान योजनाओं का कुशल क्रियान्वयन हो रहा है। 261 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 06:18 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 09:54 AM (IST)
Smart City Ranking : 837 करोड़ की योजनाओं से स्मार्ट हो रहे बनारस का बदल रहा नजारा
837 करोड़ की योजनाओं से अपनी मस्ती में रहने वाला बनारस स्मार्ट हो रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। आखिर स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को लेकर वाराणसी को प्रथम स्थान क्यों न मिले जब सिगरा स्थित नगर निगम मुख्यालय के बगल में भव्य कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष बन रहा हो और जर्जर सरकारी स्कूल स्मार्ट हो रहे हैं। कनाट प्लेस की तरह मालवीय  मार्केट आकार ले रहा है। गंगा किनारे की गलियों में मूलभूत सुविधाएं विश्व स्तरीय हो रही हैं। फ्लाइओवर, आरओबी, फोरलेन सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। तेज गति से निश्चित तौर पर शहर का नजारा बदल रहा है। उसी के पुरस्कार के तौर पर मिले प्रथम स्थान को देखा जा रहा है। यूं समझें कि 837 करोड़ की योजनाओं से अपनी मस्ती में रहने वाला बनारस स्मार्ट हो रहा है। स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं की बात करें तो करीब 561 करोड़ की 25 गतिमान योजनाओं का कुशल क्रियान्वयन हो रहा है। 261 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है। 15 करोड़ की पांच परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

माना जाता है कि यह शहर इतिहास से भी पुराना है। बनारस, न केवल मंदिरों और अपने धार्मिक परंपराओं, घाटों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि गलियों के लिए भी जाना जाता है। शहर की आत्मा यहां के गलियों मेें निवास करती है। इसलिए इसे गलियों का शहर भी कहते हैं। वर्तमान में ये गलियां काफी पुरानी होने के साथ ही जीर्ण-शीर्ण हो गई हैं। वहां सीवेज, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं ध्वस्त हो गई हैं। इस दृष्टिगत वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा री-डेवलपमेंट वार्ड आफ ओल्ड काशी परियोजना के तहत छह वार्डों राज मंदिर लागत-13.53 करोड़, काशी काल भैरव लागत-16.24 करोड़, कामेश्वर महादेव लागत-17.09 करोड़, जंगमबाड़ी लागत-12.65 करोड़, दशाश्वमेाध लागत-16.22 करोड़ आदि में मूलभूत सुविधाओं से युक्त विकास का कार्य कराया जा रहा है। एक और वार्ड गढ़वासी टोला लागत-9.60 करोड़ के कार्य के लिए निविदा की प्रक्रिया में है। वर्तमान में परियोजना के लिए निविदा आमंत्रित कर कार्यदायी संस्था के साथ अनुबंध हुआ है। राज मंदिर, काशी काल भैरव व कामेश्वर महादेव में 30 सितंबर 2021 तक तथा जंगमबाड़ी व दशाश्वमेध वार्ड में दिसंबर 2021 तक कार्य पूर्ण हो जाएगा।

गरीब हो या अमीर, सबको स्मार्ट शिक्षा

वाराणसी स्मार्ट सिटी तहत नगर में करीब 4500 वर्ग मीटर  क्षेत्रफल में पुराने जीर्णशीर्ण स्कूल मछोदरी स्कूल 14.21 करोड़  रुपये से स्मार्ट हो रहा है। यहां समाज के सभी तबके चाहे वह गरीब हों या अमीर, बच्चा पढ़ सकेगा। ग्राउंड प्लस टू का भवन होगा। क्षेत्रफल 1500 वर्ग मीटर है।  भूतल पर 14 कमरे, प्रथम तल पर 11 कमरे व दूसरे तल पर 14 कमरे बनाए जा रहे हैं। भूतल पर प्राथमिक कक्षाएं एवं प्रशासनिक भवन, प्रथम तल पर द्वितीयक कक्षाएं व पुस्तकालय तथा दूसरे तल पर कौशल विकास केंद्र व कम्प्यूटर कक्ष का निर्माण कराया जा रहा है।  250 वर्ग मीटर का बहुउपयोगी हॉल, दिव्यांगों के लिए दो लिफ्ट की सुविधा, फायर फाईटिंग सुविधाएं, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, जेनसेट आदि भी रहेगा।

गोदौलिया में बन रहा पहला मल्टी लेवल पार्किंग

स्मार्ट सिटी योजना के तहत गोदौलिया में बनारस शहर की पहली मल्टी लेवल पार्किंग बन रही है। 10.56 करोड़ रुपये की लागत है। इस तीन मंजिला पार्किंग में करीब 300 दो पहिया वाहन के साथ ही आवश्यक सेवा वाहन जैसे फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस के अलावा कुछ और चार पहिया वाहन खड़े किए जा सकेंगे। इसके अलावा भी शहर में तीन जगहों पर मल्टी लेवल पार्किंग कराने की तैयारी है। इसमें बेनियाबाग, टाउनहाल व सर्किट हाउस है।

सीसीटीवी कैमरे से लैस शहर का कोना-कोना

नगर का कोना-कोना सीसीटीवी कैमरे से लैस हो रहा है। सात सौ से अधिक कैमरे लगाने की योजना है जिसमें आधे से अधिक कैमरे लग चुके हैं। चौराहे पर 24 घंटे निगरानी हो रही है। स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल, रंगी-पुती दीवारें, फ्लाईओवर, पुल, आरओबी, सुंदर हो रहे पार्क, कुंड व तालाब ने शहर की रौनक ही बदल दी है। सभी स्मार्ट सिटी योजनाओं का कंट्रोल सिगरा के उद्यान  पार्क में बने सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से हो रहा है।

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