मीरजापुर में तीनों बच्चियों के कंकाल उगलेंगे मौत का राज, फरार मां ही फिलहाल एकमात्र गवाह
मां ने ही तीनों बेटियों की हत्या कर खुद या किसी के सहयोग से यहां पर फेंक दिया होगा। हालांकि जब तक फरार मां सामने नहीं आ जाती तब तक इस मामले में कुछ भी स्पष्ट तौर पर कह पाना संभव पुलिस के लिए नहीं है।
वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। मीरजापुर में हलिया के हर्रा जंगल में मिले तीन नर कंकाल की जांच के लिए फील्ड यू़निट और फारेंसिक टीम ने पहुंचकर पूरी तसल्ली के साथ जांच पूरी कर ली है। तीनों ही शवों के पूरी तरह से कंकाल में बदल जाने की वजह से पुलिस और फारेंसिक टीम भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। माना जा रहा है कि मां ने ही तीनों बेटियों की हत्या कर खुद या किसी के सहयोग से यहां पर फेंक दिया होगा। हालांकि, जब तक फरार मां सामने नहीं आ जाती तब तक इस मामले में कुछ भी स्पष्ट तौर पर कह पाना संभव पुलिस के लिए नहीं है। जबकि कंकाल के परीक्षण के लिए उसे लैब में भेज दिया गया है।
हत्या की वजह अब भी अनसुलझी इसलिए भी है कि जब महिला घर से तीनों बेटियों को लेकर निकली थी तो इसकी जानकारी किसी को नही दी। पति उस दौरान ग्राम सभा की मीटिंग में था तो 21 अगस्त को भाई रमाकांत को फोन पर इंदौर होने की सूचना दी थी। इसके बाद 22 अगस्त को मायका बेलगंवा पहुंची और तीन कंकाल मिलने की जानकारी मिलने के बाद से ही वह मायके से फरार हो गई है। परिजन और पुलिस महिला की तलाश में जुटे हुए हैं।
चरवाहों ने दी जानकारी : चरवाहों ने बारिश के बाद जंगल का लंबे समय बाद रुख किया तो जंगल में एक साथ तीन कंकाल मिलने की जानकारी गांव आकर दी। मंगलवार को ही तीन कंकाल मिलने की परिजनों को जानकारी हो गई थी। परिजन इसके बाद मौके पर पहुंचे और कपड़े से तीनों कंकालों की शिनाख्त भी कर ली। वहीं मौके पर मिले छाते को भी परिजन घर उठा ले आए थे। मंगलवार की रात तक प्रकरण चलने के बाद बुधवार की सुबह शव मिलने की जानकारी परिजनों ने पुलिस को दी तो पूरी टीम हरकत में आ गई।
पारिवारिक हालात : देवीदास की पहली पत्नी फगनी के मौत के बाद सीमा से उसकी शादी हुई थी। सीमा की भी पहली शादी लालगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी उससे दो बच्चियां पहले से ही थींं। पति की मौत के बाद देवीदास से वर्ष 2010 में उसने शादी की थी। परिजनों के अनुसार काफी समय से पति पत्नी में कहासुनी का दौर चला करता था। वहीं पति से एक दिन कहासुनी के बाद सीमा बच्चियों को घर से लेकर निकली थी। बताया कि उस समय घर पर पति मौजूद नहीं था।
सीमा के मिलने पर ही राजफास संभव : बच्चियों के कंकाल जंगल में मिलने की भनक मिलते ही सीमा मायके वाले घर से फरार हो गई है। पुलिस के अनुसार बच्चियां आखिरी बार मां के ही साथ थीं। ऐसे में सीमा के पकड़े जाने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल देवीदास की उम्र 45 वर्ष और सीमा की उम्र 35 वर्ष बताई जा रही है। वहीं इंदौर रेलवे स्टेशन पर पंहुचने पर सीमा ने स्टेशन को पहचानने से इंकार किया था। इसके बाद अन्य स्टेशन पर बच्चियों को परिजन खोजते फिर रहे थे। देवीदास को पहली पत्नी से चार बेटे हैं।
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