Skeleton Found in Mirzapur : अब मां ही खोलेगी बेटियों की हत्या का राज, आशनाई व पारिवारिक कलह की आशंका

मीरजापुर के हलिया क्षेत्र के जंगल में हुए तीन बालिकाओं की हत्या का राज उनकी ही मां खोलेगी। इसके लिए पुलिस को बालिकाओं की मां को बरामद करना होगा। इसके बाद ही इस नृशंस हत्या की घटना से पर्दा उठ पाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:58 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:58 PM (IST)
Skeleton Found in Mirzapur : अब मां ही खोलेगी बेटियों की हत्या का राज, आशनाई व पारिवारिक कलह की आशंका
मीरजापुर के हलिया के हर्रा जंगल में तीन बहनों का कंकाल मिलने के बाद जांच में जुटी पुलिस।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। हलिया क्षेत्र के जंगल में हुए तीन बालिकाओं की हत्या का राज उनकी ही मां खोलेगी। इसके लिए पुलिस को बालिकाओं की मां को बरामद करना होगा। इसके बाद ही इस नृशंस हत्या की घटना से पर्दा उठ पाएगा। फिलहाल पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। तीनों शवों का डीएनए कराया जाएगा। इसके लिए उनके कंकाल के अंश को रामनगर के लैब में भेजा जाएगा ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि तीनों कंकाल देवीदास के बेटियों मुन्नी, गोलू व ममता की ही है।

हलिया थाना क्षेत्र के बेलाही गांव निवासी देवीदास कोल की तीन बेटियां मुन्नी (10), ममता ( 8), गोलू (12) बीते 16 अगस्त से घर से गायब थीं, लेकिन न तो देवीदास ने उनके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और न ही परिवार के अन्य सदस्यों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सभी लोग मामले को दबाकर उनकी खोजबीन करते रहे। पिता भी निश्चिंत थे कि उनकी तीनों लाडलियां अपनी मां सीमा के साथ ननिहाल या अन्य किसी रिश्तेदारी में गई है। कुछ दिन बाद वापस आ जाएंगी। उन्हें क्या पता था कि जिनके साथ वह गई हैं, वही मां उनको गायब कराकर परिवार को गुमराह करने का काम करेगी। पिता देवीदास व मामा रमाकांत को जब यह पता चला कि उनके कलेजे के टुकड़ों को उनकी मां इंदौर में किसी को सौंप आई है तो वे तड़पकर उनकी खोजबीन के लिए निकल पड़े। दो दिनों तक इंदौर और उज्जैन की खाक छानते रहे, लेकिन उनकी लाडलियां नहीं मिली। मां सीमा बार-बार उनको गुमराह करते हुए कभी यहां ले जाती तो कभी वहां ले जाती। उसकी चाल वे समझ नहीं पाए। अंतत: पिता व मामा दोनों घर आकर उनकी खोजबीन करने लगे।

इसी बीच पता चला कि हर्रा के जंगल में तीन कंकाल पड़े हैं। देखने से किसी बालिका के लग रहे हैं। यह सुन पिता देवीदास और मामा रमाकांत भागकर वहां पहुंचे। कपड़े देखकर अपनी बेटियों के कंकाल होने की बात कहते हुए बिलखकर रोने लगे। मामा ने कहा कि यही कपड़े उन्होंने गोलू व ममता को खरीदकर दिया था। पास में पड़े छाते को देखकर पिता देवीदास ने कहा कि वे इस छाते को खरीदकर ले आए थे। उधर घटना की खबर लगते ही रात में ही मां घर से फरार हो गई। उसके बरामद होने पर ही इस घटना का राज खुलेगा। फिलहाल पुलिस आशनाई व पारिवारिक कलह को बिंदु मानकर जांच कर रही है।

देवीदास की दूसरी पत्नी थी सीमा

हलिया के बेलाही निवासी देवीदास की सीमा दूसरी पत्नी थी। देवीदास की पहली पत्नी की मौत हो चुकी है। उससे चार बच्चे पहले से ही हैं। सीमा की भी पहली शादी लालगंज थाना क्षेत्र में हुई थी। पहले पति से उसकी दो बेटियां मुन्नी व गोलू थी। किसी कारणवश पहले पति के छोड़ दिए जाने के बाद उसकी शादी देवीदास से हुई थी जिससे तीसरी बेटी ममता पैदा हुई थी। बताया जाता है कि शादी के कुछ दिनों बाद से ही दाेनों में खटपट होने लगी।

सीमा ने बेटियों को इंदौर में छोड़ने की बात बाेल किया गुमराह

बेलाही निवासी सीमा ने 21 अगस्त को जब अपने भाई रमाकांत को फोन किया तो उन्होंने उसके बारे में पूछा। सीमा ने बताया कि उसका पति से विवाद हो गया है इसलिए वह सभी को लेकर इंदौर चली आई है। यहां एक महिला को तीनों को सौंप दिया है। घर आई तो भाई ने कहा कि उनको अपनी भांजियों से मिलना है। कहां पर उनको रखी हो, चलो बताओ। सीमा उनके साथ गई लेकिन गुमराह करती रही। उसने घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

देर रात डीआइजी ने घटना स्थल का किया निरीक्षण

देर रात डीआइजी आरके भारद्वाज ने हलिया थाना पहुंचकर घटना की जानकारी ली। निर्देश दिया कि घटना का जल्द पर्दाफाश किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाए।

जंगल में कहीं सिर मिला तो कहीं पैर की हड्डी

हलिया के हर्रा जंगल में तीनों बालिकाओं का कहीं सिर मिला तो कहीं पैर ही हड्डी मिली। एक महीने पुरानी घटना होने के कारण जानवरों ने उनके शव को नोंच डाला था। इससे केवल उनके कंकाल बचे हुए थे।

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