मीरजापुर में नियमों के विपरीत साठ फीट गहरे खदान का जारी कर दिया गया टेंडर
मीरजापुर में अहरौरा के चिरैया गांव स्थित खदान में एक ही परिवार के तीन बच्चों के डूब कर मरने के बाद भी खनिज विभाग के कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ है। डकही गांव में पांच एकड़ का खदान जो साठ फीट गहरी हो चुकी है।
मीरजापुर, जेएनएन। अहरौरा के चिरैया गांव स्थित खदान में एक ही परिवार के तीन बच्चों के डूब कर मरने के बाद भी खनिज विभाग के कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ है। डकही गांव में पांच एकड़ का खदान जो साठ फीट गहरी हो चुकी है। उस खदान का टेंडर खनिज विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है जिससे स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। विज्ञप्ति जारी करने से पूर्व खदान की वास्तविक स्थिति का जायजा भी नहीं लिया गया। ऊंचे पहाड़ से गहरी खाई बन चुके खदान के बगल में हाई टेंशन पोल लगा होने के बाद भी महकमा सचेत नहीं हो रहा है। पहाड़ साठ फीट गहरे खाई बन जाने के बाद भी उस गड्ढे को पाटना तो दूर फिर से उसे और गहरा किए जाने के लिए उसका टेंडर निकाल दिया गया है। खनन नियमावली में तीन फीट से अधिक गड्ढे के बाद उसे पाट कर ही फिर से खनन कार्य शुरू किए जाने का प्रावधान है।
तीन माह पूर्व चिरैया गांव स्थित खदान में तीन बच्चों के डूबने से हुई मौत के बाद जिलाधिकारी ने फरमान जारी किया था कि क्षेत्र में कहीं भी कोई खनन स्थल पर गड्ढे नहीं रहेंगे लेकिन उनके आदेश का पालन सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया।
गहरे खदानों में बेंच बनाकर होती है खोदाई : पहाड़ से खनन कार्य होने के बाद जब वह जमीनी स्तर के नीचे पहुंचती हैं तो उस खदान में बेंच बनाकर खनन कार्य किया जाता है। खनन स्थल को न ही तारों से घेरा गया है और न ही खनन कार्य के लिए उस स्थल पर बेंच बन सका है। जिससे कभी भी कोई बड़ी घटना घटित होने की संभावना बनी हुई है।
पानी में डूबने की वजह से युवक की हो चुकी है मौत: डकही स्थित खदान में पानी भरे होने की वजह से कुछ वर्ष पूर्व एक युवक की डूबने से मौत हो गई। उसके बाद भी खदान के गड्ढों को पाटा नहीं जा सका है।
बोले अधिकारी
डकही गांव में स्थित पांच एकड़ की लीज के टेंडर का विज्ञप्ति जारी किया गया है। खनन कार्य शुरू होने के समय मानक को पूरा कराया जाएगा। -पंकज सिंह, खान अधिकारी।