BHU में शुरू होंगे छह नए कोर्स, मालवीय दर्शन व काशी पर शोध-अध्ययन कर सकेंगे छात्र
सत्तर साल बाद पंडित मदन मोहन मालवीय के दर्शन और विचार पर बीएचयू में विधिवत अध्ययन व शोध होगा। यही नहीं उनके कथनों के अनुरूप काशी के धर्म-संस्कृति समाज इतिहास पर्यावरण भूगोल और क्षेत्रीयता का समावेशीय अध्ययन व अनुसंधान जल्द प्रारंभ होगा।
वाराणसी, जेएनएन। सत्तर साल बाद पंडित मदन मोहन मालवीय के दर्शन और विचार पर बीएचयू में विधिवत अध्ययन व शोध होगा। यही नहीं उनके कथनों के अनुरूप काशी के धर्म-संस्कृति, समाज, इतिहास, पर्यावरण, भूगोल और क्षेत्रीयता का समावेशीय अध्ययन व अनुसंधान जल्द प्रारंभ होगा। बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में बनारस अध्ययन, मालवीय अध्ययन और डिफेंस व स्ट्रेटजिक स्टडीज समेत परास्नातक के छह नए कोर्स और एक सेंटर फार एशियन स्टडीज की शुरुआत होने जा रही है। इनके अलावा परास्नातक के कोर्स में आर्काइवल स्टडीज एंड मैनेजमेंट, डायस्पोरा एंड ग्लोबल स्टडीज और विज्ञान का इतिहास व विज्ञान नीति भी शामिल हैं।
सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्रा के निर्देशन में इन सभी पाठ्यक्रम, कार्यक्रम और प्रस्ताव तैयार करने वाली सात कमेटियों का गठन किया जा चुका है। 15 दिन में पूर्णत: कोर्स की शक्ल में आने के उपरांत प्रस्ताव एकेडमिक कांउसिल की बैठक में रखा जाएगा। उसके बाद एक्जिक्यूटिव काउंसिल में इसे औपचारिक सहमति दे दी जाएगी। इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. केशव मिश्रा को इन कमेटियों का सचिव भी बनाया गया है।
रक्षा क्षेत्र पर प्रदेश का पहला कोर्स
प्रो. कौशल मिश्रा के अनुसार बीएचयू को एक्सीलेंस बनाने की प्रक्रिया में इन कोर्स की कल्पना की गई है। मालवीय जी ने भी कहा था कि वे काशी को बीएचयूूू में पढ़ाएंगे। वहीं डिफेंस व स्ट्रेटजिक स्टडीज प्रदेश का पहला कोर्स है, जो कि पूर्णत: सेना की कार्यविधियों पर आधारित होगा। डायस्पोरा एंड ग्लोबल स्टडीज कोर्स शुरू होने के बाद बीएचयू के छात्र करोड़ों प्रवासी भारतीयों व उनकी काशी से जुड़ी स्मृतियों को जान सकेंगे। सेंटर आफ एशियन स्टडीज के अंतर्गत एशियाई देशों से भारतीय संबंधों के समस्त अध्ययनों का एक बड़ा केंद्र बीएचयू को बनाया जाएगा।