विधायक विजय मिश्र सहित छह पर भदोही में जालसाजी का मुकदमा दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच
विधायक विजय मिश्र और उनके कुनबे के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 14 अगस्त को मध्य प्रदेश के आगर जिले से विधायक को गिरप्तार किया था। वर्तमान में वह आगरा स्थित केंद्रीय जेल में निरुद्ध हैं जबकि पुत्र फरार है।
जागरण संवाददाता, भदोही। विधायक विजय मिश्र और उनके कुनबे की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। बुधवार को देर शाम विधायक और उनकी अधिवक्ता पुत्री रीमा पांडेय, सीमा पांडेय, भतीजे प्रकाशचंद मिश्र, विकास मिश्र के अलावा उनके कर्मचारी गिरधारी पाठक, हनुमानसेवक पांडेय के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ज्ञानपुर से चौथी बार विधायक बने विजय पर जुलाई से पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के धनापुर निवासी रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि विजय मिश्रा और उनकी बेटी आदि ने उनके नाम की 19 गाड़ियों को हड़प लिया है। उनके लोंगों द्वारा जबरिया वाहनों का उपयो किया जा रहा है। एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि विजय मिश्र सहित छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच की जा रही है।
भवन और फर्म हड़पने के आरोप में जेल में हैं विधायक
इसी रिश्तेदार ने चार अगस्त 2020 को गोपीगंज कोतवाली में भवन और फर्म हड़पने के आरोप में विजय मिश्र, एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र और पुत्र विष्णु मिश्र के खिलाफ केस दर्ज कराय था। इसी आरोप में 14 अगस्त को मध्य प्रदेश के आगर जिले से विधायक को गिरप्तार किया था। वर्तमान में वह आगरा स्थित केंद्रीय जेल में निरुद्ध हैं जबकि पुत्र फरार चल रहा है।
फर्जी मुकदमा दर्ज कर रही है पुलिस
विधायक की अधिवक्ता पुत्री रीमा ने एसपी पर गंभीर आरोप लगाई है। उनका कहना है कि मैं समझ रही थी कि वह नेक अफसर हैं लेकिन वह पद की मर्यादा भूल गए हैं। बुधवार को अपने आवास पर बुलाकर पहले मीटिंग कि और फिर फर्जी मुकदमा दर्ज करवा दिया। ताकि वह मुकदमों की पैरवी न कर सके।
हंडिया थाना क्षेत्र के खपटिहा निवासी विजय मिश्रा विधायक हैं और इस वक्त आगरा जेल में बंद हैं। वर्ष 2017 में विजय मिश्रा और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की शिकायत हुई थी। इसमें विधायक और एमएलसी रहते हुए नामी-बेनामी चल-अचल संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। विजिलेंस ने मामले की खुली जांच की तो पता चला कि वर्ष 2002 से 2017 के बीच यानी 15 साल में कुल आय दो करोड़ 32 लाख, 33 हजार 593 रुपये की पाई गई। जबकि इस दौरान 23 करोड़, 81 लाख, 98 हजार, 248 रुपये की संपत्ति अर्जित की गई। प्रथम दृष्टया 21 करोड़, 49 लाख से ज्यादा पाया गया, जो 924 प्रतिशत अधिक है।