सिंदूर ने चांद से चांद के लिए मांगी लंबी उम्र, वाराणसी में निराजल व्रत के बाद सुहागिनों ने चंद्रदेव को दिया अर्घ्य
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाओं ने पति की आरोग्यता दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए दिनभर निराजल व्रत रखा। शाम को पूजा के लिए खीर और दाल की पूड़ी का प्रसाद बनाकर शुभ मुहुर्त में भगवान शिव-पार्वती सहित पूरे परिवार के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा-अर्चना की।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : वही चांद है, वही चांदनी है लेकिन कुछ तो है इस चांद में कि नजरें हटती नहीं, दिवानगी मिटती नहीं। कुछ इस तरह की भावनाओं के साथ संकल्प लेकर रविवार सुबह सुहागिनों ने करवाचौथ व्रत का आरंभ किया। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाओं ने पति की आरोग्यता, दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए दिनभर निराजल व्रत रखा। इसकी शुरुआत शनिवार को मध्यरात्रि के बाद सरगी से हुई। सुबह स्नान ध्यान के बाद महिलाएं शाम तक सजने-संवरने में व्यस्त रहीं। इसके बाद शाम को पूजा के लिए खीर और दाल की पूड़ी का प्रसाद बनाकर शुभ मुहुर्त में भगवान शिव-पार्वती सहित पूरे परिवार के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा-अर्चना की।
रोहिणी नक्षत्र में सुहागिनों ने चंद्रदेव को दिया अर्घ्य
सूरज के डूबने और चांद के आने की आहत के बीच सुहागिनों ने पूजा शुुरु की। पीली मिट्टी और बालू से वेदी बनाकर सबसे पहले भगवान की स्थापना की गई। उसके बाद उस पर करवा रखा गया। वेदी को भगवान का स्वरूप देने के बाद उनको चंदन, रोली, सिंदुर लगाया गया। फिर धूप-दीप जलाकर उनकी पूजा की गई। सुहागिनों ने दिन में बनाए हुए पकवान खीर, दाल की पूड़ी, सिघांड़े का हलवा, नारियल का लड्डू, केला और सुहाग का सामान चढ़ाया गया। इसके बाद सुहागिनों ने माता करवा की कथा का श्रवण किया। रात 7.52 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा के दर्शन के बाद सुहागिनों ने अर्घ्य देकर चलनी के ओट से अपने चांद का दीदार किया। उसके बाद पति और घर के सभी बड़ों से आशीष लिया।
पारन के बाद पिया ने दिया उपहार
पूजा और उपवास समाप्ति के बाद सुहागिन महिलाओं को उनके पति ने उपहार स्वरूप डायमंड रिंग, सोने के आभूषण और अन्य उपहार भेंट किए। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण शहर के कुछ होटलों में करवाचौथ पर स्पेशल कैंडल लाइट डिनर का आयोजन किया गया था। जिन लोगों ने इसकी बुकिंग करा रखी थी वह समय से होटल पहुंचकर इस करवाचौथ को यादगार बनाए। हालांकि इसमें नवविवाहितों की संख्या अधिक रही। इस दौरान खूब सेल्फियां भी ली गईं। वहीं सिनेमाघरों में भी देर रात तक नवविवाहितों की जुटान रही। बदलते दौर में करवाचौथ के खास मौके को खास महसूस कराने के लिए नई पीढ़ियों ने कस्टमाइज फोटो युक्त केक काटकर करवाचौथ मनाया।