वाराणसी में निखर रहा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर धाम, कुछ खास फोटो के साथ देखिए कारिडोर
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण परियोजना के तहत बाबा दरबार से गंगधार तक कारिडोर निर्माण 90 फीसद पूरा हो गया है। शेष 10 फीसद में पानी- सीवर की पाइप खिड़की-दरवाजे वायरिंग व इलेक्ट्रिक फिटिंग समेत फिनिशिंग शेष है। इसे भी पांच दिसंबर तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। Kashi Vishwanath Corridor श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण परियोजना के तहत बाबा दरबार से गंगधार तक कारिडोर निर्माण 90 फीसद पूरा हो गया है। शेष 10 फीसद में पानी- सीवर की पाइप, खिड़की-दरवाजे, वायरिंग व इलेक्ट्रिक फिटिंग समेत फिनिशिंग शेष है। इसे भी पांच दिसंबर तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है ताकि 13 दिसंबर को लोकार्पण किया जा सके।
13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर लोकार्पित करेंगे। समारोह पूरी भव्यता से आयोजित होगा। इसे देश ही नहीं पूरी दुनिया देखेगी। खुद मुख्यमंत्री पिछले दिनों बनारस आगमन पर समीक्षा बैठक में अफसरों को इसके संकेत दे चुके हैं। कारिडोर का कार्य लक्ष्य अवधि से दस दिन पहले पांच दिसंबर तक ही पूरा कर लेने का निर्देश भी दे चुके हैं। इसके साथ ही निर्माण कार्य की गति बढ़ा दी गई है।
85 फीसद कार्य पूरा, फिनिशिंग शेष
बाबा दरबार से गंगधार तक 5,27,730 वर्गफीट क्षेत्र में 345 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे कारिडोर का 85 फीसद कार्य पूरा किया जा चुका है। शेष रह गए 15 फीसद में पानी-सीवर की पाइप, खिड़की-दरवाजा, वायरिंग या इलेक्ट्रिक फिटिंग समेत फिनिशिंग के कार्य शेष हैैं। मुख्य परिसर में तो फर्श पर मार्बल के साथ ही बरामदे में पैनल लगाए जाने हैैं।
विभिन्न नदियों के जल से होगा अभिषेक
लोकार्पण समारोह में सबसे पहले बाबा का देशभर की विभिन्न नदियों से मंगाए गए जल से अभिषेक किया जाएगा। अनुष्ठान में देश के सभी ज्योतिर्लिंगों के पुजारी व धर्माचार्य होंगे। लेजर शो के जरिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर निर्माण का इतिहास व कारिडोर निर्माण का विकास दिखाया जाएगा। गंगा तट पर दीपावली जैसी रोशनी और आतिशबाजी होगी। समस्त कार्यक्रम का पूरे देश में सीधा प्रसारण किया जाएगा। समस्त ज्योतिर्लिंगों, बड़े शिवालयों व देवालयों में भी बड़ी एलइडी स्क्रीन लगाई जाएगी।
होते रहेंगे विस्तारित कार्य
55 करोड़ की लागत से कारिडोर के विस्तारित नौ छोटे कार्य बाद में किए जाते रहेंगे। इनमें ललिता घाट का पुनर्विकास, कैफे भवन, रैंप भवन आदि शामिल हैं। इन्हें बाद में जोड़ा गया था, बाढ़ के कारण इन्हें हाल ही में स्वीकृति व बजट मिला है। वैसे अभी गंगा का जल स्तर सामान्य न होने से सीढिय़ों का कार्य शुरू नहीं हो सका है।
- 90 - फीसद कार्य पूरा
- 5,27,730 - वर्गफीट क्षेत्रफल में बन रहा कारिडोर
- 27 - निर्माण प्वाइंट्स
- 400 - करोड़ रुपये भू क्रय खर्च
- 400 करोड़ रुपये निर्माण खर्च
- 50 करोड़ रुपये अन्य खर्च