तीन दिन नहीं मिलेगी बाबा की मंगला आरती, अब हर शनिवार और रविवार बंद रहेगा दरबार

कोरोना संकट के कारण प्रतिबंधों को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सप्ताह में दो ही दिन बंद रहेगा लेकिन श्रद्धालु बाबा की मंगला आरती से तीन दिन वंचित रहेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 11:28 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 09:42 AM (IST)
तीन दिन नहीं मिलेगी बाबा की मंगला आरती, अब हर शनिवार और रविवार बंद रहेगा दरबार
तीन दिन नहीं मिलेगी बाबा की मंगला आरती, अब हर शनिवार और रविवार बंद रहेगा दरबार

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संकट के कारण प्रतिबंधों को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सप्ताह में दो ही दिन बंद रहेगा लेकिन श्रद्धालु बाबा की मंगला आरती से तीन दिन वंचित रहेंगे। मंदिर के पट आम श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार की रात दस बजे बंद होंगे तो सोमवार को सुबह पांच बजे खुलेंगे। ऐसे में शनिवार, रविवार और सबसे खास सावन माह में सोमवार को भी बाबा का मंगला आरती लोगों को नहीं मिल पाएगी। इस बार पहले ही प्रतिबंध में ऐसा हो चुका है। यह सब कोरोना संक्रमण को ध्‍यान में रखकर किया गया है।

दो दिन की बंदी में भी अर्चकों द्वारा होती रहेगी पूजा-भोग आरती

सोमवार को सुबह पांच बजे मंदिर खुलेगा जरूर लेकिन मंगला आरती के लिए कोई टिकट नहीं काटा गया। इससे भक्तों में निराशा रही। हालांकि सावन के पहले सोमवार को भी मंगला आरती में श्रद्धालुओं की संख्या महज 50 ही रही। हर बार सावन में सोमवार की मंगला आरती में यह संख्या 400 तक रहा करती थी। सावन के महीने में भगवान शिव की आस्था के केंद्र वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सावन पर्यंत मंगला आरती की झांकी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती थी लेकिन कोरोना ने इस बार फीका कर दिया है। ऐसा लग रहा है जैसे पूरा सावन मानो सूना ही रह जाएगा। मंदिर प्रशासन के अनुसार प्रतिबंधों के कारण दो दिन की बंदी में भी मंदिर के अर्चकों द्वारा परंपरा अनुसार विधि-विधान से पूजा-भोग आरती होती रहेगी।

अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी यह व्यवस्था

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर अब हर शनिवार-रविवार श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। शुक्रवार रात दस बजे मंदिर के पट बंद होंगे तो सोमवार सुबह पांच बजे खुलेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ विशेष क्षेत्र विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गौरांग राठी के अनुसार यह व्यवस्था अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। बंदी के दोनों दिन परंपरानुसार पूजन-अर्चन अर्चकों द्वारा किया जाता रहेगा। 

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