वाराणसी के रामनगर में जलयान की दूर होगी परेशानी, गंगा में ड्रेजिंग होगी जल्द
रामनगर क्षेत्र के राल्हूपुर में स्थित भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बंदरगाह का सोमवार को जलीय प्रमुख आईडब्ल्यूएआई के कमांडर महेंद्र कुमार ने निरीक्षण किया। जलपोत की स्थिति जानने के लिए उन्होंने बंदरगाह पर लगे रिवर इंफार्मेशन सिस्टम का अवलोकन किया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। रामनगर क्षेत्र के राल्हूपुर में स्थित भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बंदरगाह का सोमवार को जलीय प्रमुख आईडब्ल्यूएआई के कमांडर महेंद्र कुमार ने निरीक्षण किया। जलपोत की स्थिति जानने के लिए उन्होंने बंदरगाह पर लगे रिवर इंफार्मेशन सिस्टम का अवलोकन किया। माना जा रहा है कि इस दौरे के पीछे बंदरगाह पर कार्गो की आवाजाही बढ़ाने में आ रही परेशानियों पर चर्चा की गई। इसके अलावा गर्मी में गंगा में कुछ स्थानों पर कम पानी की समस्या के समाधान के लिए बनारस में भी ड्रेजिंग का काम शूरू हो सकता है।
आईडब्ल्यूएआई के कार्यालय प्रभारी वाराणसी राकेश कुमार ने इस दौरे को केवल विभागीय बताया। उन्होंने बंदरगाह से राजघाट के बीच जहाज से भ्रमण भी किया। कार्गो, गंगा के जलस्तर सहित अन्य बिंदुओं की पड़ताल की। नोएडा से कमांडर महेंद्र कुमार बंदरगाह पहुंचे थे। उन्होंने टर्मिनल के अधिकारियों के साथ पूरे बंदरगाह का निरीक्षण किया और चल रहे व्यापारिक गतिविधियों की जानकारी हासिल की। बताया कि व्यापारिक गतिविधियों के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रो-रो जलयान भी चलाया जा रहा है। सड़क मार्ग पर गाडिय़ों के दबाव को कम करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से जलमार्ग का माध्यम विकसित किया जा रहा है, ताकि कम लागत में व्यापारियों का ज्यादा मात्रा में व्यापार हो सके जिससे व्यापारियों का आर्थिक मुनाफा बढ़ सके। सड़कों पर होने वाली घटनाओं को रोका भी जा सके।
फिलहाल पटना, कोलकाता और हल्दिया टर्मिनलों का प्रयोग किया जा रहा है। भविष्य में भारत और बांग्लादेश के बीच भी जलपोत का आवागमन सुचारु होने की संभावना है। अभी कुछ माह पूर्व ही बांग्लादेश की टीम भी यहां आ चुकी है। इस पहल को अंतिम रूप देने की दिशा में काम हो रहा है। दोनों देशों के बीच काफी चीजें निर्यात और आयात होते हैं। नदियों के रास्ते व्यापार बढ़ाया जा सकता है।