68 दिन में गोवा से रामनगर टर्मिनल पर पहुंचा जलयान, वाराणसी के अस्सी से राजघाट तक होगा संचालन
गोवा से चला जलयान 68 दिनों तक समुद्र और गंगा के रास्ते होते हुए शनिवार की शाम को वाराणसी रामनगर टर्मिनल पर पहुंच गया। जलयान में लगे एलइडी से गंगा के घाट मंदिर और शहर के बारे में पर्यटकों को पूरी जानकारी मिलेगी
वाराणसी, जेएनएन। गोवा से चला जलयान 68 दिनों तक समुद्र और गंगा के रास्ते होते हुए शनिवार की शाम को रामनगर टर्मिनल पर पहुंच गया। गंगा में जलयान संचालन को लेकर जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग तय करेगा। जलयान में लगे एलइडी से गंगा के घाट, मंदिर और शहर के बारे में पर्यटकों को पूरी जानकारी मिलेगी। इसके लिए राजकीय निर्माण निगम कई नामी कंपनियों से संपर्क कर रहा है। एक और जलयान पहुंचने के साथ पर्यटक इसका आनंद उठा सकेंगे। वहीं, दो रो-रो भी पर्यटकों के लिए गंगा में चलाने की तैयारी है। इसे पीपीपी माडल के जरिए चलाया जाएगा।
गोवा से 23 नवंबर-2020 को जलयान चला था। उसे एक माह के अंदर बनारस पहुंचना था लेकिन कोहरा और रास्ता सही नहीं होने के चलते रफ्तार नहीं पकड़ सका। कोलकोता, ओडिशा, पटना, गाजीपुर के रास्ते जलयान शनिवार की शाम कैप्टन सुरेश बाबू के नेतृत्व में रामनगर टर्मिनल पर पहुंचा। गंगा के रास्ते बनारस सीमा में प्रवेश करने के साथ लोग जलयान को रुक-रुककर देखते रहे। शाम को रामनगर टर्मिनल पर देखने के लिए कई लोग पहुंच गए। बनारस में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई विकास योजनाएं तेजी से चल रही हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण करने के साथ गंगा घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। मंदिर का विकास गंगा घाट तक किया जा रहा है जिससे पर्यटक मंदिर को सीधे देख सकें। बजड़े की तरह क्रूज में ऊपर और नीचे दोनों मंजिल पर 100 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। निचला मंजिल पूरी तरह वातानुकूलित है। जलयान की खासियत यह है कि चारों तरफ से खुला रहेगा जिससे पर्यटकों को गंगा और घाटों की सुंदरता देख सकेंगे। जलयान का संचालन राजघाट से अस्सी घाट तक होगा। दोनों स्थानों पर जलयान में पर्यटकों को चढऩे और उतरने की व्यवस्था है। यहां टिकट काउंटर बनकर तैयार हो गए हैं। पर्यटक यहां से टिकट लेने के बाद गंगा और घाटों का आनंद उठा सकेंगे।
अस्सी और राजघाट पर संचालन की व्यवस्था की गई
पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना से 10.71 करोड़ में जलयान संग अस्सी और राजघाट पर संचालन की व्यवस्था की गई है। दोनों घाटों पर टिकट काउंटर के साथ पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। संचालन को लेकर जिला प्रशासन संग बैठक कर रणनीति बनाई जाएगी। जलयान में अभी कुछ काम बाकी है उसे शीघ्र ही करा लिया जाएगा जिससे संचालन में कोई दिक्कत नहीं हो।
-आरबी सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, राजकीय निर्माण निगम