Shardiya Navratri : वाराणसी में ढाक के डंके से गूंजे गली-मोहल्ले, अधिवास व बोधन के बाद स्थापित की गईं प्रतिमाएं
शक्ति की आराधना के विशिष्ट काल नवरात्र की षष्ठी तिथि में सोमवार शाम पूजा पंडाल जगदंबा की जयकार से गूंज उठे। आस्थावानों का उत्सवी इंतजार समाप्त हुआ और शहर से गांव तक सभी पूजा पंडालों में देवी दरबार सज गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। शक्ति की आराधना के विशिष्ट काल नवरात्र की षष्ठी तिथि में सोमवार शाम पूजा पंडाल जगदंबा की जयकार से गूंज उठे। आस्थावानों का उत्सवी इंतजार समाप्त हुआ और शहर से गांव तक सभी पूजा पंडालों में देवी दरबार सज गया। बंगीय समाज के पूजा पंडालों में विधान के अनुसार बोधन पूजन किया गया। पुरोहितों ने आमंत्रण-अधिवास अनुष्ठानों के साथ माता रानी का पूजन कराया। इसके साथ गली-मोहल्ले ढाक के डंकों से गूंज उठे। सूर्यदेव के विश्राम पर जाते ही विद्युत झालरों की जगमग से सड़कें नहा उठीं।
अब मंगलवार को सप्तमी तिथि पर बंगीय समाज के पूजा पंडालों में नव पत्रिका पूजन होगा। इसके साथ ही देवी को प्रथम पुष्पांजलि दी जाएगी। मान्यता है कि रावण वध के लिए प्रभु श्रीराम ने शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की आराधना शारदीय नवरात्र में ही की थी। इस नवरात्र की शक्ति पूजा को अकाल बोधन दुर्गा पूजन के नाम से जाना जाता है। इस काल में देवगण शयन पर होते हैं। उनका जागरण हरिप्रबोधिनी एकादशी पर होता है। रावण वध से पहले भगवान श्रीराम ने शक्ति कामना से मां की पूजा से पहले उनके जागरण के लिए यह विधान किए। वाराणसी दुर्गोत्सव सम्मिलनी की ओर से शाम को महिषासुरमर्दिनी गीति आलेख का प्रस्तुतिकरण अनामिका संस्थान की ओर से किया गया।
मां स्कंदमाता और कात्यायनी दरबार में उमड़ी आस्थावानों की भीड़
एक तिथि की हानि होने के कारण इस बार शारदीय नवरात्र आठ दिनों का है। पांचवे दिन ही पंचमी और षष्ठी तिथि दोनों का मान हुआ। माता स्कंदमाता और मां कात्यायनी के दर्शनों के लिए सुबह से देर रात माता दरबार में भक्तों की कतार लगी रही। जैतपुरा स्थित मां स्कंदमाता बागेश्वरी देवी मंदिर के महंत गोपाल मिश्र ने बताया कि भोर में माता को पंचामृत स्नान कराकर नूतन वस्त्र धारण कराया गया। इसके बाद बेला के फूल से मां की विशेष झांकी सजाई गई। मां स्कंदमाता बागेश्वरी को विद्या की देवी माना जाता है। इस कारण मंदिर में छात्रों की भारी भीड़ उमड़ी रही। विद्यार्थियों ने माता से अपने लिए रोजगार मांगा। उधर षष्ठी को मानते हुए भक्तों ने चौक स्थित मां कात्यायनी मंदिर में भी भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। मंदिर के पुजारी संजय दुबे ने बताया कि मां की विशेष झांकी के दर्शन के लिए दिनभर भक्त उमड़े रहे। माता के दर्शन मात्र से भय से मुक्ति मिलती है। वहीं जिन कन्याओं के विवाह में अड़चनें आ रही हैं। उन्होंने भी देवी के इस स्वरूप का दर्शन किया।
चमरहा बाजार में देवी जागरण आज
नवरात्र पर नवयुवक दुर्गा पूजा समिति की ओर से चमरहा बाजार स्थित दुर्गा मंदिर पर मंगलवार को देवी जागरण का आयोजन किया गया है। इसमें बिरहा गायक दीपक सिंह और लोकगायिका अनमोल सिंह अपनी प्रस्तुति देंगी। यह जागरण दोपहर दो से रात नौ बजे तक होगा।