वाराणसी में विश्व ओलंपिक दिवस पर सिगरा स्टेडियम में संगोष्ठी का आयोजन
सिगरा स्टेडियम में बुधवार को विश्व ओलिंपिक दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। दरअसल ओलंपिक दिवस वाराणसी के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि वाराणसी का नाम ओलंपिक में चमका है तो इस लिहाज से शहर को कई सौगात भी मिली है।
वाराणसी, जेएनएन। सिगरा स्टेडियम में बुधवार को विश्व ओलिंपिक दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। दरअसल ओलंपिक दिवस वाराणसी के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि वाराणसी का नाम ओलंपिक में चमका है तो इस लिहाज से शहर को कई सौगात भी मिली है। रीजनल स्पोर्ट्स अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि गत वर्ष वाराणसी में आयोजित आल इंडिया मोहम्मद शाहिद प्राइज मनी हॉकी प्रतियोगिता की सफलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक डॉ आरपी सिंह और खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी ने डॉ भीमराव आंबेडकर क्रीड़ा संकुल, बड़ा लालपुर में दरसक दीर्घा और 200 खिलाड़ियों का आवासीय परिसर बनाने का निर्णय लिया है। यहां पर मौजूद एस्ट्रो टर्फ का नवीनीकरण होगा। यहाँ से कई ओलंपिक हॉकी खिलाड़ी निकले हैं। टोक्यो ओलंपिक में भी वाराणसी के ललित उपाध्याय भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बताया कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक डे की शुरुआत 23 जून 1948 को हुई पर इससे काफी पहले ओलंपिक गेम्स (Olympic Games) की शुरुआत की जा चुकी थी। पहला ओलंपिक गेम्स 23 जून 1894 को पेरिस, सोरबोन में खेला गया था और इसी की याद में हर वर्ष 23 जून को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के मुख्य मकसद खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर वर्ग, आयु के लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। जब 23 जून 1948 को पहले ओलंपिक डे का आयोजन किया गया था तो इसमें सिर्फ नौ देश ही शामिल थे।
इस समय ललित उपाध्याय से पहले बनारस के मोहम्मद शाहिद 1980 मास्को, 1984 लॉस एंजिल्स, 1988 सियोल तथा विवेक सिंह 1988 लॉस एंजिल्स व राहुल सिंह 1996 अटलांटा ओलंपिक में भारत की तरह से खेल चुके हैं। गुलजारा सिंह 1952 हयलेंसिकी फिनलैंड, संजय राय 2000 सिडनी, राम सिंह 2012 लंदन, संजीव सिंह 1988 सिओल, अनन्त राम भार्गव1948 लंदन, चिकन पहलवान 1956 मेलबोर्न, नरसिंह 2012 लंदन में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।