पंचायत चुनाव 2021 : जौनपुर में महिला आरक्षण के बाद खरमास में बेटे की शादी कराकर ले आए 'प्रत्‍याशी'

पंचायत चुनाव जो न कराए सो कम है मोहब्‍बत और जंग के अलावा पंचायत चुनाव में भी सब कुछ जायज है। आरक्षण में कईयों की गुणा गणित बिगाड़ दी तो आनन फानन कई समीकरणों को साधने के लिए नई जुगत भी निकालनी पड़ रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 09:11 AM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 09:11 AM (IST)
पंचायत चुनाव 2021 : जौनपुर में महिला आरक्षण के बाद खरमास में बेटे की शादी कराकर ले आए 'प्रत्‍याशी'
पंचायत चुनाव जो न कराए सो कम है, मोहब्‍बत जंग के अलावा पंचायत चुनाव में भी सब कुछ जायज है।

जौनपुर, जेएनएन। पंचायत चुनाव जो न कराए सो कम है, मोहब्‍बत और जंग के अलावा पंचायत चुनाव में भी सब कुछ जायज है। आरक्षण में कईयों की गुणा गणित बिगाड़ दी तो आनन फानन कई समीकरणों को साधने के लिए नई जुगत भी निकालनी पड़ रही है। पंचायत चुनाव की इसी कड़ी में नई चुनौतियों और समीकरणों ने 

नई जुगत को भी रास्‍ता दिखाया है। कोरोना संक्रमण के बीच खरमास के दौर में भी चुनावी गुणा गणित लोगों के लिए नए समीकरण तैयार कर रहा है। नए रिश्‍ते जुड़ रहे हैं तो नए दांव पेच विरोधियों को चित कर रहे हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिहाज से मन माफिक सीट घोषित न होने पर एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने खरमास का भी भय मन से निकालकर आनन फानन अपने बेटे का विवाह कर पुत्रवधू को चुनाव मैदान में उतार दिया। गांव में इस अनोखी बेमौसम शादी की भी खूब चर्चा है। परिवार में भी इस बात की चर्चा खूब है कि बहू से अधिक परिवार ने प्रत्‍याशी को घर में बुलाया है। वहीं बहू ने भी प्रचार में हाथ बंटाना शुरू कर दिया है।

यह है चुनावी गणित

उसरौली गांव के भैयाराम का पुरवा निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष यादव की पत्नी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर तैनात हैं। इस बार यह सीट पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित कर दी गई। पहले तो पत्नी को त्याग पत्र दिलाकर चुनाव मैदान में उतारने का मन बनाया। लेकिन, बाद में पुत्र सौरभ का आननफानन में विवाह कर पुत्र वधू को प्रत्याशी बनाए जाने पर विचार शुरू किया गया। खरमास के चलते पुरोहित ने भी इसे धार्मिक दृष्टि से उचित नहीं बताया।

चर्चा सुनकर प्रयास शुरू

चुनाव लड़ने की मंशा की जानकारी होते ही बगल गांव कपसिया निवासी रामचंदर यादव अपनी पुत्री अंकिता यादव की शादी के लिए उनके घर पहुंच गए। इसके बाद आनन-फानन में रिश्‍ता पक्का कर दिया गया। बीते 31 मार्च को मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न करा दिया गया। अंकिता के नाम से ही रविवार को नामांकन दाखिल कर किया गया। हालांकि, परिणाम चाहे जो हो लेकिन चुनाव को लेकर यह जुनून चर्चा-ए-खास बना हुआ है।

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