एसडीएम कोर्ट ने पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह की गिरफ्तारी का दिया निर्देश, पेश न होने का दंड
चंदौली के सकलडीहा एसडीएम अजय मिश्र की कोर्ट ने सैयदराजा के पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है। न्यायालय में पेश न होने पर उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है।
जागरण संवाददाता, चंदौली। सकलडीहा एसडीएम अजय मिश्र की कोर्ट ने सैयदराजा के पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्ल्यू की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है। न्यायालय में पेश न होने पर उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है। निर्देश है कि धीना पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर 20 सितम्बर तक हर हाल में कोर्ट में पेश करे।
उपजिलाधिकारी ने पूर्व विधायक को 107/16 में पाबंद किया है। 14 सितम्बर को उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया गया था लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। इस पर एसडीएम ने धीना थाना प्रभारी को आदेश जारी किया है कि अभियुक्त मनोज सिंह डब्लू को गिरफ्तार कर 20 सितंबर तक प्रत्येक दशा में कोर्ट में प्रस्तुत करें। निर्देशों के अनुपालन में कोई त्रुटि न हो। धीना थाना प्रभारी अतुल कुमार प्रजापति ने कहा उप जिला मजिस्ट्रेट के आदेशों का हर हाल में अनुपालन कराया जाएगा। इसके लिए थाने के एसआई सुग्रीव प्रसाद गुप्ता को निर्देशित किया जा चुका है। पूर्व विधायक मनोज सिंह को भी एसडीएम के आदेशों से अवगत करा दिया गया है।
बीच रास्ते रोककर नोटिस देने पर भड़क गए थे पूर्व विधायक
पूर्व विधायक को एसडीएम ने 107/16 में पाबंद किया तो इसकी नोटिस लेकर पुलिस उनके पास पहुंची। धानापुर से घर जाते वक्त बीच रास्ते उनके काफिले को रोककर पुलिस ने नोटिस पकड़ाई थी। इस पर सपा नेता भड़क उठे थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को नसीहत दी थी। आरोप लगाया था कि प्रशासन उन्हें तरह-तरह से परेशान कर रहा है। यदि नोटिस देनी ही थी तो पुलिस को घर पर आकर देना चाहिए। बीच रास्ते रोककर नोटिस पकड़ाने का क्या औचित्य है।
किसान आंदोलन में गए जेल
पूर्व विधायक किसान आंदोलन में आचार संहिता लागू होने के बावजूद समर्थकों के साथ मुख्यालय पहुंचे। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इससे समर्थकों में नाराजगी देखने को मिली। पूर्व विधायक ने कहा सरकार की गलत नीतियों की वजह से जनता परेशान है। इसके खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है।