राजकीय बालिका इंटर कालेज वाराणसी में 'साइंस विलेज फेस्टिवल' कार्यक्रम का आयोजन

प्रधान वैज्ञानिक डा. डीपी सिंह ने विद्यार्थियों के बीच चर्चा करते हुए कहा कि अपने आसपास घटित होने वाली दैनंदिन की घटनाओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण रख कर उनके तथ्यगत समाधान ढूंढने के प्रयासों से जीवन में सार्थक बदलाव लाया जा सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 03:57 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 03:57 PM (IST)
राजकीय बालिका इंटर कालेज वाराणसी में 'साइंस विलेज फेस्टिवल' कार्यक्रम का आयोजन
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2021 का आयोजन जगह-जगह किया जा रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं भू-विज्ञान द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से आयोजित किए इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2021 का आयोजन जगह-जगह किया जा रहा है। इसके तहत 'साइंस विलेज फेस्टिवल' की थीम पर कक्षा नौ से 12 तक के ग्रामीण विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर जागरूक करने के उद्देश्य से राजकीय बालिका इंटर कालेज, जखिनी में एक दिवसीय वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा शनिवार को किया गया। इसमें कालेज के अध्यापकों के साथ-साथ 158 से अधिक बालिकाओं ने सहभागिता की। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में विस्तारित विज्ञान के विभिन्न आयामों को देखने, समझने और उसके प्रति एक दृष्टिकोण बनाने हेतु प्रोत्साहित करना था।

कार्यक्रम के समन्वयक प्रधान वैज्ञानिक डा. डीपी सिंह ने विद्यार्थियों के बीच चर्चा करते हुए कहा कि अपने आसपास घटित होने वाली दैनंदिन की घटनाओं के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण रख कर उनके तथ्यगत समाधान ढूंढने के प्रयासों से जीवन में सार्थक बदलाव लाया जा सकता है। विद्यार्थियों के बीच सीधे संवाद एवं प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कोरोना के दुष्प्रभावों और बचाव के उपायों, जलवायु परिवर्तन के नुकसान, प्रकृति में जैव विविधता, सूक्ष्मजीवों की उपयोगिता एवं फसल उत्पादन के वैज्ञानिक पहलुओं आदि पर चर्चा की गई। प्रधान वैज्ञानिक डा. सुदर्शन मौर्य ने जन-संवाद के रूप में घरों में प्रतिदिन घटित होने वाली फर्मेंटेशन प्रणाली पर सविस्तार चर्चा की।

डा. स्वाति शर्मा ने विद्यार्थियों को खाद्य प्रसंस्करण और सब्जियों जैसे शीघ्र खराब होने वाली फसलों को लंबे समय तक रखने के वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी दी। कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए विभिन्न माडल भी प्रस्तुत किए गए। संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहरा ने बताया कि संस्थान जन-सामान्य और विशेषतया ग्रामीण विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रचार-प्रसार और इसके प्रति सम्यक दृष्टिकोण पर जागरूकता बढ़ाने हेतु संकल्पित है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरुचि बढ़ेगी और उन्हें भविष्य में अपना बेहतर कैरियर चुनने में आसानी होगी। बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या विद्यावती देवी ने इस कार्यक्रम को बेहद उपयोगी बताते हुए वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम विद्यालय में कराए जाने की आशा व्यक्त की।

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