मऊ जिले में सरयू का जलस्तर खतरा बिंदु के समीप पहुंचने को आतुर, तटवर्ती इलाकों में पलायन शुरू
घाघरा के जलस्तर में एकाएक वृद्धि होने लगी है। 24 घंटा पहले घाघरा का जलस्तर और 68•75 मीटर पर था। शुक्रवार की सायंकाल गौरी शंकर घाट का जलस्तर 69.20 मीटर पहुंच गया। 24 घंटा में 45 सेंटीमीटर की वृद्धि भीषण खतरे का संकेत है।
मऊ, जेएनएन। सरयू के जलस्तर में एकाएक वृद्धि होने लगी है। 24 घंटा पहले सरयू का जलस्तर और 68.75 मीटर पर था। शुक्रवार की सायंकाल गौरी शंकर घाट का जलस्तर 69.20 मीटर पहुंच गया। 24 घंटा में 45 सेंटीमीटर की वृद्धि भीषण खतरे का संकेत है।
दरअसल नेपाल ने डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया है, इससे सरयू के तटवर्ती इलाकों में दहशत का माहौल है। सरयू दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की गति से बढ़ रही है। सरयू के जलस्तर स्थिर नहीं हुआ तो तबाही मचाएगी। इस संबंध में उप जिलाधिकारी डॉ सीएल सोनकर ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है। राजस्व कर्मियों को बाढ़ चौकी पर पैनी दृष्टि रखने को रखने का आदेश दे दिया है। बाढ़ चौकी रामनगर, गौरी शंकर घाट और बीबीपुर कैनाल हेड आदि क्षेत्रों के लेखपालों को जगह-जगह तैनात भी कर दिया गया है। अभी घाघरा खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर नीचे है पर नदी का दबाव बढ़ता जा रहा है।
मुक्तिधाम, श्मशान घाट, भारत माता मंदिर, डोमराज का मकान, वृद्ध आश्रम, गौरी शंकर घाट और जानकी घाट आदि अति संवेदनशील हैं। जानकी घाट के समीप नदी बैक रोलिंग कर रही है जिससे सुरक्षा में लगाया गया बोल्डर लांचिंग कर रहे हैं। गौरी शंकर घाट पर तैनात सिंचाई विभाग के जेई जेपी यादव ने बताया बाढ़ से तटवर्ती इलाकों को बचाने के लिए विभाग तैयार है। बचाव की सारी तैयारियां की गई हैं। बरसात के पहले कटर निर्माण प्रोजेक्ट पूरा न होने पर मुक्तिधाम के समीप खतरा बढ़ता जा रहा है।