उत्तराखंड और नेपाल से छोड़े गए पानी से सरयू में उफान, बाढ़ चौकियों पर राजस्व और पुलिसकर्मी तैनात
जून के दूसरे पखवारे से सरयू में पानी बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो वह अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह तक बदस्तूर जारी रहा। इस बीच कभी नदी का जलस्तर घटा तो कभी बढ़ता रहा। नदी के घटते बढ़ते जलस्तर के बीच देवारा के लोगों को अनेक परेशानियां झेलनी पड़ीं।
आजमगढ़, जागरण संवाददाता। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते सगड़ी तहसील के उत्तरी भू-भाग में प्रवाहित सरयू नदी में बनबसा और कर्तनिया बैराज से छोड़े गए पानी का प्रभाव दिखाई देने लगा है।
बीते 24 घंटे में सरयू नदी का जलस्तर 65 सेंटीमीटर बढ़ गया है। सरयू नदी में उफान से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की धड़कनें एक बार फिर तेज हो गई हैं। हालांकि प्रशासन ने दो दिन पूर्व ही अलर्ट जारी कर दिया है और बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए इस पर राजस्व कर्मियों एवं पुलिस के लोगों को 24 घंटे उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
जून के दूसरे पखवारे से सरयू नदी में पानी बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो वह अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह तक बदस्तूर जारी रहा। इस बीच कभी नदी का जलस्तर घटा, तो कभी बढ़ता रहा। नदी के घटते बढ़ते जलस्तर के बीच देवारा के लोगों को अनेक परेशानियां झेलनी पड़ीं। सैकड़ों एकड़ लहलहाती धान की फसल कटकर नदी की धारा में विलीन हो गई, तो बगहवा के 10 लोगों के मकान भी तेज धारा में कटकर नदी में समा गए।अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में नदी का जलस्तर पूरी तरह से तलहटी में चला गया, तो देवारा के लोगों को आस जगी थी कि अब बाढ़ से निजात मिल जाएगी।
बुधवार को नदी का जलस्तर न्यूनतम से भी नीचे चला गया था।बदरहुआ पर नदी का न्यूनतम जलस्तर 70.26 मीटर है, जबकि नदी 70.05 मीटर पर प्रभावित हो रही थी। पहाड़ों पर हो रही बारिश का पानी सरयू नदी में छोड़े जाने से गुरुवार को नदी में उफान शुरू हो गया और 65 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस समय नदी 70.70 मीटर का निशान छूते हुए बह रही है।बढ़ाव का क्रम लगातार बना हुआ था। उपजिलाधिकारी सगड़ी गौरव कुमार ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सारी तैयारियां की गई हैं। किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।