मऊ में लाल निशान से 45 सेंटीमीटर ऊपर सरयू नदी, कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे

पानी बढ़ने से दोहरीघाट व मधुबन देवारा क्षेत्र की लगभग 600 एकड़ फसल बाढ़ के पानी डूब गई है। साथ ही दर्जनों गांव पानी से घिर गए हैं। दरअसल पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश की वजह से अब पानी दोबारा नदियों में आने लगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 01:47 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 01:47 PM (IST)
मऊ में लाल निशान से 45 सेंटीमीटर ऊपर सरयू नदी, कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे
दोहरीघाट व मधुबन देवारा क्षेत्र की लगभग 600 एकड़ फसल बाढ़ के पानी डूब गई है।

मऊ, जेएनएन। नेपाली से लगातार सरयू नदी में पानी छोड़े जाने से सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार की सुबह आठ बजे दोहरीघाट के गौरीशंकर घाट पर नदी का जलस्तर लाल निशान 69.90 मीटर के सापेक्ष 45 सेंटीमीटर अधिक दर्ज किया गया। लगातार पानी बढ़ने से दोहरीघाट व मधुबन देवारा क्षेत्र की लगभग 600 एक ड़ फसल बाढ़ के पानी डूब गई है। साथ ही दर्जनों गांव पानी से घिर गए हैं। दरअसल पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश की वजह से अब पानी दोबारा नदियों में आने लगा है। 

सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से तटवर्ती इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है। पशुपालक हरे चारे के लिए परेशान हैं। बाढ़ के पानी में नीचले इलाकों के खेत डूब गए हैं। पशुपालकों के सामने पशु चारे की समस्या बढ़ती जा रही है। चारों तरफ जल ही जल दिखाई दे रहा है। ग्रामीण अंचल के लोग पानी में घुसकर अपने घरों को आ-जा रहे हैं। वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पुल पर नदी का दबाव लगातार जारी है। दोहरीघाट के श्मशान घाट पर नदी बैक रोलिंग कर रही है। इससे भारत माता मंदिर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बीबीपुर-बेलौली बंधा पर भी दबाव बढ़ गया है। मुक्तिधाम पर नदी लांचिंग कर सकती है।

जलस्तर बढ़ने से आधा दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग पानी में डूब गया है। क्षेत्र के गोड़वली-नई बाजार मार्ग, बूढ़ावर-कैनाल हेड मार्ग, बहादुरपुर-पतनई मार्ग, बेलौली-गौरीडीह मार्ग सहित आधा दर्जन मार्ग पर पानी भरा हुआ है। जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में अफरा-तफरी मची है। उधर मधुबन में भी नदी कहर बरपा रही है। देवारा में सरयू नदी के तलहटी में बसे चक्कीमुसाडोही के साथ ही बिंदटोलिया, टांड़ी, बैरीकंटा, धूस, खैरा देवारा, हरिलाल का पूरा, मनमन का पूरा, नुरुल्लाहपुर नई बस्ती, आंशिक रुप से मोलनापुर, परसिया जयरामगीरी और तालरतोय तथा हाहानाला के किनारे बसे बैरियाडीह, हड़ही, नकही जैसे दर्जनों गांव पानी से पूरी तरह घिरे हुए हैं।

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