सेनीटाइमर करेगा संक्रमण से अलर्ट, बीएचयू की इनोवेशन टीम का केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने किया चयन
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा नवाचार पर आधारित एक प्रतियोगिता में बीएचयू की तीन इनोवेशन टीम का चयन किया गया है। इन टीम के युवाओं ने लीगल ऐड पोर्टल सेनीटाइमर और स्मार्ट एंड ईको यूजर फ्रेंडली डस्टबिन तैयार किया है जो रोजमर्रा की मुश्किलों को सुगम बनाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा नवाचार पर आधारित एक प्रतियोगिता में बीएचयू की तीन इनोवेशन टीम का चयन किया गया है। इन टीम के युवाओं ने लीगल ऐड पोर्टल, सेनीटाइमर और स्मार्ट एंड ईको यूजर फ्रेंडली डस्टबिन तैयार किया है, जो रोजमर्रा की मुश्किलों को सुगम बनाएगा। सेनीटाइमर जहां हमें संक्रमण से अलर्ट करेगा, तो वहीं स्मार्ट एंड ईको यूजर फ्रेंडली डस्टबिन में कूड़े के निस्तारण में रिमोट का उपयोग होगा। बीएचयू के नवप्रवर्तन परिषद से जुड़े ये युवा अब स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े प्रोजेक्ट तैयार करेंगे।
पहले दल में अर्थशास्त्र विभाग में बीए तृतीय वर्ष के छात्र मंजीत कुमार ने संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्र हरिशरण द्विवेदी और मोहन कुमार के साथ मिलकर सेनीटाइम का निर्माण किया है। यह बीप, साउंड, वाइब्रेङ्क्षटग अलर्ट आधारित एक सैनिटाइजर डिस्पेंसर है, जो उपयोगकर्ता को निश्चित समय अंतराल में अपने हाथों को सैनिटाइज करने की याद दिलाता है। यूजर अपनी सुविधानुसार अलर्ट सिस्टम सेट कर सकता है। यह मुख्य रूप से दिव्यांग, श्रमिक वर्ग, बच्चों और वृद्धावस्था समूहों के लिए डिजाइन किया गया है। इसी तरह से कूड़े के निस्तारण और स्वच्छता से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए स्मार्ट एंड ईको यूजर फ्रेंडली डस्टबिन का निर्माण किया गया है।
पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के छात्र आयुष लेपचा और भाभा यूनिवर्सिटी, भोपाल के अक्षांश झा ने रिमोट सिस्टम से नियंत्रित डस्टबिन बनाया है, जिसे ब्लूटूथ से जुड़कर स्मार्टफोन से संचालित होता है। इसमें लगे पहिए रिमोट से निर्देश पाकर संचालित होते हैं। इस डस्टबिन को टचलेस सिस्टम के साथ डिजाइन किया गया है, अत: इसे छूऐ बिना ही इसमें कूड़ा डाला जा सकता है। इसका सेंसर युक्त ढक्कन स्वत: कूड़े के लिए खुलता और बंद हो जाता है। वहीं निर्धारित क्षमता तक भरने के बाद इसमें लगा अलार्म सिस्टम स्वत: उपयोगकर्ता को तब तक संदेश देता है जब तक इसमें भरे अपशिष्ट का निस्तारण न हो जाए। तीसरे दल ने कानूनी सहायता और सेवा क्लीनिक के कार्यकारी निदेशक प्रो. शैलेंद्र कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में लीगल ऐड पोर्टल के निर्माण का आईडिया प्रस्तुत किया है। अदालतों से केसों के बोझ को कम करने के लिए एआई आधारित मध्यस्थता और ग्राहक परामर्श शामिल किया है। इसे यह आडिय- विजुअल मोड में भी बनाया गया है। संस्थान नवप्रवर्तन परिषद के समन्वयक डा. मनीष अरोड़ा ने बताया कि बीएचयू में मेधा व नवाचार की कोई कमी नहीं है। विद्यार्थियों को इस सफलता पर संस्थान नवप्रवर्तन परिषद के अध्यक्ष प्रो. श्रीकृष्णा व बाकी सदस्यों ने भी बधाई दी।