मऊ जिले में तुलसी पूजन कर सनातन धर्मावलंबियों ने बताई संस्कृति की पहचान

सनातन धर्म में तुलसी को माता का स्थान दिया गया है। शुक्रवार को सनातन धर्मावलंबियों ने तुलसी पूजन दिवस मनाया। हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने कोपागंज कार्यालय पर पूरे विधि-विधान से तुलसी माता का पूजन कर अपनी प्राचीन सभ्यता का निर्वहन किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 06:20 AM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 06:20 AM (IST)
मऊ जिले में तुलसी पूजन कर सनातन धर्मावलंबियों ने बताई संस्कृति की पहचान
सनातन धर्म में तुलसी को माता का स्थान दिया गया है।

मऊ, जेएनएन। सनातन धर्म में तुलसी को माता का स्थान दिया गया है। शुक्रवार को सनातन धर्मावलंबियों ने तुलसी पूजन दिवस मनाया। हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने कोपागंज कार्यालय पर पूरे विधि-विधान से तुलसी माता का पूजन कर अपनी प्राचीन सभ्यता का निर्वहन किया। जिला संयोजक अजय सिंह ने कहा भारत की पहचान सनातन संस्कृति से है और इसी में पूरे विश्व का कल्याण करने की क्षमता है। पश्चिमी नंगापन वाली सभ्यता हमारे देश व आने वाली पीढ़ी दोनों के लिए विष के समान है। अगर हमें अपने देश का गौरव बढ़ाना है और भारत को विश्व गुरु बनाना है तो अपनी सनातन परम्परा का सदैव निर्वहन करना चाहिए।

कोरोना काल में काढ़ा बनाने में किसी क्रिसमस ट्री के पत्ते का प्रयोग नही हुआ काढ़ा बनाने के लिए तुलसीजी के पत्ते का ही प्रयोग किया गया। हमारा सनातन धर्म मानवता को हर तरह से लाभान्वित करता है। इस मौके पर डा.मिथिलेश, नगर संयोजक श्रवण विश्वकर्मा ने कहा कि क्रिसमस डे के बहाने ईसाई मिशनरियां हमारे देश मे धर्मांतरण को बढ़ावा देती हैं। इस अवसर पर देवेंद्र राजभर, प्रदीप राजभर, अवधेश मौर्य, उत्सव राय, दीपक गुप्ता, जालंधर राजभर, चंदन पाल, विजय सिंह आदि उपस्थित थे।

इसी क्रम में सक्षम जिला इकाई द्वारा तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर  प्रकाश हास्पिटल परिसर में पूजन-अर्चन के साथ एक विश्वव्यापी अभियान का प्रारंभ किया गया। जिलाध्यक्ष डा. मनीष कुमार राय ने कहा कि यह हमारी संस्कृति और गौरव का विषय है। सभी लोगों को अपने घर-आंगन मे एक तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए। उन्होंने माता तुलसी के अध्यात्मिक महत्व को बताया। जिला मंत्री विशाल पांडेय ने माता तुलसी के पत्ते के फायदे के बारे मे विस्तार से बताया। जिला महिला इकाई से डा. प्रिया सिंह, शिप्रा, सुधा, गरिमा, पूजा इत्यादि लोगों ने तुलसी पूजन कराया। 

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