छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए संपूर्णानंद संस्‍कृत वि‍श्‍वविद्यालय ने शासन से मांगे 3.60 करोड़

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में वर्सरी व विश्व विद्यालय छात्रवृत्ति के लिए 3.60 करोड़ स्वीकृत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव अब्दुल समद ने बीते 12 अक्टूबर को कुलसचिव से बिंदुओं पर जवाब मांगा था।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:28 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 09:28 PM (IST)
छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए संपूर्णानंद संस्‍कृत वि‍श्‍वविद्यालय ने शासन से मांगे 3.60 करोड़
कुलपति ने कहा कि चार दशक से विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति जो दिया जा रहा था, वह बहुत ही कम है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में वर्सरी व विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति के लिए 3.60 करोड़ स्वीकृत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव अब्दुल समद ने बीते 12 अक्टूबर को कुलसचिव से बिंदुओं पर जवाब मांगा था। इस बाबत विभाग की ओर से भी प्रयास शुरू हो चुका है। 

इस सिलसिले में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी के निर्देश पर कुलसचिव डा. ओमप्रकाश ने शासन को बुधवार को बिंदुवार जवाब से संबंधित पत्र प्रेषित किया। इस संबंध में कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि चार दशक से विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति जो दिया जा रहा था, वह बहुत ही कम है। इसलिए प्रयास किया जा रहा है कि इसे बढ़ाया जाए और शासन के सहयोग से मिलने की संभावना है।

शासन को उपलब्ध कराई गई सूचना : शासन को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 1998 से फ्रीज्ड अनुदान ( बजट की व्यवस्था के अंतर्गत ही ) से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती रही है। वर्ष 2014-15 तक छात्रवृत्ति प्रदान की गयी है। आर्थिक संकट के कारण विश्वविद्यालय के बजट से वर्ष 2014-15 के पश्चात छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की जा सकी। विश्वविद्यालय के मेधावी छात्रों का लिखित परीक्षा द्वारा चयन करने व संस्कृत विद्या को प्रोत्साहित करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिरिक्त छात्रवृत्ति के लिए अनुदान प्राप्त होने पर छात्रवृत्ति दिया जाएगा। वर्ष 2020-21 में आय प्रमाण पत्र के आधार पर समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के 169 छात्र इस योजना से आच्छादित हैं। विश्वविद्यालय के सत्र 2020-21 में 2027 छात्र पंजीकृत है, जिनमें 1858 छात्रों में से मेधावी व अत्यंत निर्धन 1100 छात्रों को लिखित परीक्षा के द्वारा चयन करके छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई है। इस पर 3.60 करोड़ खर्च होगा। वित्त समिति व कार्य परिषद के निर्णयानुसार शासन से धनराशि प्राप्त होने पर प्रस्तावित छात्रवृत्ति का क्रियान्वयन किया जाएगा।

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