Varanasi में समाजवादी पार्टी आई चुनावी मोड में, विधानसभा चुनाव टिकट के लिए मांगे आवेदन

समाजवादी पार्टी में विधानसभा चुनाव की गरमाहट घुलती जा रही है। चुनावी तापमान का पारा अगले महीने तक जेठ की तपिश का आभास करा सकता है। जातिगत समीकरण दिखाए जा रहे तो जनता में पकड़ के गवाह खड़े किए जा रहे।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 10:03 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 04:55 PM (IST)
Varanasi में समाजवादी पार्टी आई चुनावी मोड में, विधानसभा चुनाव टिकट के लिए मांगे आवेदन
चुनावी तापमान का पारा अगले महीने तक जेठ की तपिश का आभास करा सकता है।

वाराणसी, जेएनएन। हिमालय की बर्फीली हवाएं भले ठिठुरन का आभास करा रही हों लेकिन समाजवादी पार्टी में विधानसभा चुनाव की गरमाहट घुलती जा रही है। चुनावी तापमान का पारा अगले महीने तक जेठ की तपिश का आभास करा सकता है। दरअसल, पार्टी ने विधानसभा चुनाव की अग्रिम तैयारी के मद्देनजर सभी सीटों पर प्रत्याशी पहले से घोषित करने का मन बना लिया है। इसके मद्देनजर सीटवार आवेदन मांगे गए हैं। ऐसे में गांव से लेकर शहर तक की सभी सीटों के लिए दावेदारों का रूख लखनऊ की ओर है। इसमें पिछले चुनाव में मैदान में दो हाथ कर चुके पार्टी नेता तो हैं ही अपने -अपने तर्कों के साथ नए चेहरे भी मैदान में उतरने को आतुर हैं। इसमें जातिगत समीकरण दिखाए जा रहे तो जनता में पकड़ के गवाह खड़े किए जा रहे।

पिछले चुनावों में हासिल वोटों के आंकड़े दिखाने के साथ ही बीते वर्षों में किए गए कार्य गिनाए जा रहे हैं। हाल के दिनों में पार्टी स्तर पर किए गए आंदोलनों में जोरदार भागीदारी के प्रमाण भी संलग्न किए जा रहे हैं। हालांकि दावेदारी में भी गोपनीयता भी बरती जा रही है ताकि दावेदारी पर मुहर लगने से पहले पत्ते न खुलने पाए। समय से पहले रिश्तों में खटास न आए। कुछ इस तरह एक-एक सीट के लिए दस-दस से अधिक आवेदन किए जा चुके हैं। इसमें पुराने प्रत्याशियों के साथ ही पूर्व पदाधिकारियों में भी होड़ है।

सर्वाधिक उत्साह फ्रंटल संगठनों के वरिष्ठ नेताओं में है। कारण यह कि एमएलसी चुनाव में पार्टी ने फ्रंटल संगठन पर विश्वास जताया और उसका परिणाम भी आया। यही नहीं अग्रिम प्रत्याशी घोषित करने के पीछे भी विधान परिषद सदस्य सीट का अनुभव ही माना जा रहा है। स्नातक कोटे की सीट पर विजयी रहे आशुतोष सिन्हा का टिकट तीन साल पहले ही पक्का करने के साथ क्षेत्र में काम करने का निर्देश दिया गया था। माना जा रहा, यह भी कारण रहा कि बेहद कठिन सीट पर भी समाजवादी पार्टी विजय पताका फहराने में सफल रही। फिलहाल शिवपुर और शहर उत्तरी सपा कार्यकर्ताओं व नेताओं में हाट सीट बनी हुई है। इस पर दावेदारी को लेकर अधिक जोर है।

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