आरटीपीसीआर पॉजिटिव लोग दिलाएंगे महामारी से निजात, कोलकाता से बंगाल वेव के रूप में आ सकती है तीसरी लहर
वैश्विक कोरोना संक्रमण महामारी का इलाज केवल हर्ड इम्यूनिटी है लेकिन कोरोना वैक्सीन रोग के प्रभाव को कम करती है। 16 जनवरी से देश में टीकाकरण की शुरुआत हुई। अब तक 17 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लग सकी है।
वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी का इलाज केवल हर्ड इम्यूनिटी है, लेकिन कोरोना वैक्सीन रोग के प्रभाव को कम करती है। 16 जनवरी से देश में टीकाकरण की शुरुआत हुई। अब तक 17 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लग सकी है। यदि यही रफ्तार रही तो 140 करोड़ की जनता को प्रतिरक्षित करने में करीब पांच साल का समय लग जाएगा।
यह बातें आइएमए की पत्रिका आपका स्वास्थ्य के मानद सचिव डा. एमके श्रीवास्तव ने दैनिक जागरण संग बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान में सामंजस्य नहीं दिख रहा है। निजी अस्पतालों को वैक्सीन की डोज न मिलना देश व जनता के लिए अच्छा संकेत नहीं है। तीसरी लहर की शंका व्यक्त की जा रही है। कोलकाता से बंगाल वेब के रूप में तीसरी लहर आ सकती है, जिसके और भी खतरनाक होने की आशंका है। इसका असर बच्चों में ज्यादा देखने को मिलेगा। डा. मनोज ने कहा कि कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने लगभग हर घर के लोगों को संक्रमित कर दिया है और देश हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहा है। कहा आरटीपीसीआर पाजिटिव लोगों का सम्मान होना चाहिए क्यों कि ये वही लोग हैं जो कोरोना महामारी से जल्द निजात दिलाएंगे।
ऐसे लोगों को हीन भावना से बिल्कुल न देखें। याद रखिए सामान्य फ्लू को भी लोग कोरोना मान ले रहे हैं और डरे हुए है। डॉ. मनोज का मानना है कि दवा के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता नही बढ़ती है। इसलिए नियमित दिनचर्या, उचित व्यायाम, पूरी नींद, उचित आहार के माध्यम से महामारी के समय हर व्यक्ति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। धैर्य, विश्वास और उम्मीद ही कोरोना महामारी से लड़ने में आप की मदद करेगा। ऐसे में सकारात्मक सोच के साथ जिएं और सहयोग की भावना को बनाए रखें।