पूर्वांचल में बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट, खाद्य सामग्रियों में जबरदस्त उछाल

सरसों में तीस रुपये की बढ़ोत्तरी एक माह के अंदर हुई है वहीं चीनी का भी दाम पांच रुपये प्रतिकिलो बढ़ गया है। दाल के दाम में भी पांच रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इसका असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 07:00 AM (IST)
पूर्वांचल में बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट, खाद्य सामग्रियों में जबरदस्त उछाल
महंगाई का असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।

बलिया, जागरण संवाददाता। चीनी, खाद्य तेलों और दालों के बढ़ते भाव ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है, पिछले एक महीने में ही खाद्य तेलों के दाम में 10 से 12 रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई। दालों की कीमत में पांच फीसद का उछाल है। सिर्फ खाद्य तेल, दाल ही नहीं, चीनी व आटा आदि के दामों में तेजी आ गई है। सरसों का तेल 210 रुपये प्रतिकिलो हो गया है। तीस रुपये की बढ़ोत्तरी एक माह के अंदर हुई है, वहीं चीनी का भी दाम पांच रुपये प्रतिकिलो बढ़ गया है। दाल के दाम में भी पांच रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इसका असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। किराना व्यापारी युगल गुप्ता ने बताया कि खाद्य सामग्रियों के दामों में काफी बढ़ोत्तरी हो गयी है। थोक में दाम बढ़ने से दाल, चीनी, सरसों तेल व रिफाइंड के दाम बढ़ने लगे हैं। डीजल व पेट्रोल का दाम बढ़ने से ढुलाई का भाड़ा भी अधिक हो गया है।

खाद्य सामाग्रियों के बढ़ते रेट

खाद्य सामाग्री -- अगस्त --- सितंबर

अरहर दाल -- -97 रुपये प्रतिकिग्रा -- -105 रुपये प्रतिकिग्रा

चना दाल -- -70 रुपये प्रतिकिग्रा -- -75 रुपये प्रतिकिग्रा

मसूर दाल -- -67 रुपये प्रतिकिग्रा -- -81 रुपये प्रतिकिग्रा

रिफाइन तेल -- 155 प्रति लीटर -- -160 प्रति लीटर

सरसों तेल -- -180 प्रति लीटर -- -210 प्रति लीटर

चीनी -- -- -- 38 रुपये प्रतिकिग्रा -- -42 रुपये प्रतिकिग्रा

मूंगदाल -- -90 रुपये प्रतिकिग्रा -- -90 रुपये प्रतिकिग्रा

बढ़ने लगे आटा के भी दाम : आटा के दाम में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अगस्त माह में आटा 20 रुपये प्रतिकिग्रा बिक रहा था। सितंबर माह में गेहूं की कीमत बढ़ाने से चार रुपये महंगा हो गया। अब आटा 24 रुपये प्रति किग्रा मिल रहा है।

सरसों तेल के महंगाई के पीछे सरसों का महंगा होना है। किसान ऊंचे दर में बेच रहे हैं। डीजल-पेट्रोल का दाम बढ़ने से ढुलाई वाहनों का भी खर्च बढ़ गया है। उसे ऊपर टैक्स अलग से लग रहा है। इसके चलते तेल के दाम में उछाल आया है। - विजय रौनियार, थोक तेल विक्रेता।

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