राइट-टू-एजुकेशन : कई विद्यालय चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में कर रहे आनाकानी

राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के लिए वर्तमान सत्र में 8675 बच्चों का चयन हो चुका है। इसमें प्रथम चरण के 6875 व द्वितीय चरण में 1243 तथा तृतीय चरण में 557 बच्चे शामिल हैं। वहीं कई विद्यालय दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 10:17 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 10:17 AM (IST)
राइट-टू-एजुकेशन : कई विद्यालय चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में कर रहे आनाकानी
आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के लिए वर्तमान सत्र में 8675 बच्चों का चयन हो चुका है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के लिए वर्तमान सत्र में 8675 बच्चों का चयन हो चुका है। इसमें प्रथम चरण के 6875 व द्वितीय चरण में 1243 तथा तृतीय चरण में 557 बच्चे शामिल हैं। वहीं कई विद्यालय दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं। ऐसे करीब 40 को अब तक विद्यालयों को नोटिस दी गई है।

कुछ अभिभावकों ने दी आर्यन इंटरनेशनल स्कूल द्वारा चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में हीलाहवाली की शिकायत डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा से भी की है। इसमें कहा गया है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य व उप प्रधानाचार्य घर से दो या तीन किमी दूर बच्चों का दाखिला लेने से इंकार कर रहे हैं। यही नहीं मनमाने तरीके से शुल्क वृद्धि का भी आरोप लगाया है। बहरहाल डिप्टी सीएम ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने नियमानुसार कार्रवाई के लिए बीएसए लिखा है। बीएसए ने दी आर्यन इंटरनेशनल स्कूल से नियमानुसार तीन दिनों के भीतर दाखिला लेने व इसकी सूचना देने का निर्देश दिया है। बहरहाल दो चरणों के करीब 400 से अधिक बच्चों का अब तक निजी विद्यालयों में दाखिला नहीं हो सका है। जबकि तीसरे चरण में चयनित बच्चों का दाखिला 16 अगस्त तक कराने का लक्ष्य रखा गया है।

निवास प्रमाण पत्र के फेर से फंसा सैकड़ों का दाखिला : आरटीई के जिला समन्वयक विमल कुमार केशरी ने बताया कि बताया कि आरटीई के तहत उसी ब्लाक या वार्ड के निवासी होना अनिवार्य है जिस वार्ड या ब्लाक में स्कूल है। इससे इतर बिहार या वाराणसी के आसपास के जिलों के सैकड़ों निवासियों ने भी आरटीई के तहत मुफ्त दाखिले के लिए आवेदन कर दिया था। यही नहीं लाटरी में ऐसे बच्चों का चयन भी हो गया हैं लेकिन संबंधित ब्लाक व वार्ड के निवासी का प्रमाणपत्र न होने के कारण ऐसे बच्चों का दाखिला फंस गया है। किराये पर रहने के कारण उनके आधार कार्ड पर पता उनके मूल निवास का ही है।

25 फीसद निर्धारित : निश्शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों निर्धारित करने का प्रावधान है।

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