राइट-टू-एजुकेशन : निवास प्रमाण पत्र के फेर से फंसा सैकड़ों विद्यार्थियों का दाखिला
राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के लिए अब तक 8012 बच्चों का चयन हो चुका है। इसमें प्रथम चरण के 6769 व द्वितीय चरण में 1243 बच्चे शामिल है। वहीं अब तक एक हजार से अधिक बच्चाें का चयनित स्कूलों में दाखिला नहीं हाे सका है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के लिए अब तक 8012 बच्चों का चयन हो चुका है। इसमें प्रथम चरण के 6769 व द्वितीय चरण में 1243 बच्चे शामिल है। वहीं अब तक एक हजार से अधिक बच्चाें का चयनित स्कूलों में दाखिला नहीं हाे सका है। कुछ विद्यालय चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला करने में हीलाहवाली कर रहे हैं तो कुछ बच्चों के अभिभावकों के पास जनपद का निवासी होने का कोई प्रमाण नहीं है। आरटीई के तहत तमाम ऐसे अभिभावकों ने भी आवेदन कर दिया जो मूलत: बिहार या वाराणसी के आसपास के जिलों के निवासी है। हालांकि, वर्तमान में वह जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में किराये पर रह रहे हैं। किराये पर रहने के कारण उनके आधार कार्ड पर पता उनके मूल निवास का ही है।
आरटीई के जिला समन्वयक विमल कुमार केशरी ने बताया कि बताया कि आरटीई के तहत उसी ब्लाक या वार्ड के निवासी होना अनिवार्य है जिस वार्ड या ब्लाक में स्कूल है। अधिकतम दो किमी के दायरे के निजी विद्यालयों में दाखिले का प्रावधान है। दूसरे वार्ड या ब्लाक के विद्यालय में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले का फार्म निरस्त भी किया जा चुका है। वहीं सैकड़ों आवेदक लाटरी में चयनित होने में सफल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि नियमानुसार ऐसे बच्चों का निजी विद्यालयों में मुफ्त नहीं हो सकता है। आधार कार्ड में दर्ज पते का सत्यापन करने के बाद कई निजी विद्यालयों में दाखिला लेने से इंकार कर दिया है। कहा कि ऐसे विद्यालयों को दाखिला लेने को बाध्य भी नहीं किया जा सकता है। फिर भी कोई न कोई रास्ता निकलाने का प्रयास किया जा रहा है।
तीसरे चरण में 722 ने किया आवेदन : आरटीई के दायरे में आने वाले 1074 विद्यालयों में ज्यादतर विद्यालयों में अब सीट फुल हो चुकी है। अब महज 115 सीटें ही रिक्त रह गई है। जबकि तीसरे चरण में 722 अावेदकों ने आनलाइन आवेदन किया है। तीसरे चरण की लाटरी जल्द ही निकालने की तैयारी है।
25 फीसद निर्धारित : निश्शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों निर्धारित करने का प्रावधान है।