Right To Education : 15 और विद्यालयों को नोटिस के साथ सप्ताहभर में मांगा जवाब

राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए अब तक 13284 बच्चों की सूची जारी की जा चुकी है। इसमें नगर 9491 में आैर ग्रामीण क्षेत्र में 3793 बच्चे शामिल हैं। वहीं कई विद्यालय गरीब बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 01:13 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 01:13 PM (IST)
Right To Education : 15 और विद्यालयों को नोटिस के साथ सप्ताहभर में मांगा जवाब
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए 13284 बच्चों की सूची जारी की जा चुकी है।

वाराणसी, जेएनएन। राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए अब तक 13284 बच्चों की सूची जारी की जा चुकी है। इसमें नगर 9491 में आैर ग्रामीण क्षेत्र में 3793 बच्चे शामिल हैं। वहीं कई विद्यालय गरीब बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं। अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावक स्कूल से लगायत बीएसए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। कई अभिभावकों ने बीएसए कार्यालय में इसकी शिकायत भी की है। बीएसए राकेश सिंह ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने 15 और विद्यालयों को नोटिस दी है। इसमें उन्हें सप्ताहभर में स्पष्टीकरण न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों निर्धारित करने का प्रावधान है। इसके तहत सभी निजी विद्यालयों चयनित बच्चों की सूची भेजी गई है। वहीं करीब 500 बच्चों का अब तक निजी स्कूलों में दाखिला नहीं हो सका है। जबकि नया सत्र अप्रैल से ही शुरू हो गया है।

इस दौरान तमाम स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी है। दाखिला न होने के कारण इन बच्चों का कोर्स पिछड़ रहा है। वहीं कई स्कूल मुफ्त दाखिला लेने के नाम पर अभिभावकों को दौड़ा रहे हैं। इसे लेकर कई अभिभावकों ने बीएसए कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। सामुदायिक शिक्षा के जिला समन्वयक विमल कुमार केशरी ने बताया कि ऐसे दस विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस दी गई है। फिलहाल नोटिस का जवाब मांगा गया है। इसके बाद भी दाखिला न लेने पर मान्यता समाप्त करने की संस्तुति की जाएगी।

किताब-कापी का भी मिलता है पैसा

आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को कापी-किताब व ड्रेस के लिए पांच हजार रुपये मिलने का भी प्रावधान है। इसके अलावा शासन स्कूलों को प्रतिबच्चे 450 रुपये प्रतिमाह की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति भी देती है।

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