बलिया जिले में आकर बयान दर्ज कराएंगे रिटायर आइएएस सूर्य प्रताप सिंह

भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के विरुद्ध बलिया शहर कोतवाली में गत 12 मई को कोतवाली प्रभारी बाल मुकुंद मिश्र की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 व सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:40 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 07:40 AM (IST)
बलिया जिले में आकर बयान दर्ज कराएंगे रिटायर आइएएस सूर्य प्रताप सिंह
धारा 505 व सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।

बलिया, जेएनएन। गंगा में मिले शवों को लेकर ट्वीट करने पर बुरे फंसे रिटायर आइएएस सूर्य प्रताप सिंह की मुश्किलें बढ़ने वाली है। शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस टीम लखनऊ गई थी, लेकिन उन्होंने बयान देने से मना कर दिया। साफ कहा है कि वह बलिया आकर अपना पक्ष रखेंगे। वह लिखकर भी कोतवाली भी बयान भेज सकते हैं।

पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने बताया है कि रिटायर्ड अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के विरुद्ध कोतवाली में 12 मई को कोतवाली प्रभारी बाल मुकुंद मिश्र की शिकायत पर सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की धारा 67 में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। जवाब में सूर्य प्रताप सिंह ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सरकार ने सातवीं एफआइआर सबसे दूर के जनपद में की है। लखनऊ से बलिया की दूरी छोटे से छोटे मार्ग से भी करूं तो आने जाने में 15 से 16 घंटे लगेंगे। नियत परेशान करने की है।

विवेचना में बढ़ाई गई धारा, कसा शिकंजा

विवेचना दुबहर थाना के निरीक्षक अनिल चन्द्र तिवारी कर रहे हैं। निरीक्षक ने बताया कि मिले साक्ष्यों के बाद रिटायर्ड अधिकारी के विरुद्ध आरोप में धारा 188 के साथ महामारी अधिनियम व 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा की बढ़ोत्तरी की गई है। आरोप के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। उन्हें नोटिस जारी किया गया है। उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा गया है। उपनिरीक्षक हरिशंकर मिश्रा लखनऊ गए थे बयान लेने लेकिन वे बोले विवेचक के सामने बलिया आकर बयान देंगे या लिखकर भेज देंगे। अभी तक उन्होंने आने के लिए एसएचओ से संपर्क नहीं किया है।

सूर्यप्रताप सिंह का प्रोफाइल : बुलंदशहर निवासी सूर्य प्रताप सिंह 1982 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं। 2015 में रिटायर हुए थे। 25 साल की सेवा में उनका 54 बार तबादला हुआ है। उनकी अंतिम पोस्टिंग सार्वजनिक उद्यम विभाग में प्रमुख सचिव और सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में थी। उन्होंने 2017 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में चल रहे घोटाले का मुद्दा विशेष तौर पर उठाया था।

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