वाराणसी शहर उत्तरी विधायक का रिपोर्ट कार्ड : दौड़ रही विकास की गाड़ी, जनता नहीं कर पा रही सवारी

विकास की बह रही गंगा से उत्तरी विधानसभा क्षेत्र भी अछूता नहीं है। नए फ्लाईओवर ने आकार लिया तो मल्टीलेवल कार्यालय से लगायत पार्किंग तक कई परियोजनाएं जमीन पर दिखने को आतुर हैं किंतु जनता इसे महसूस नहीं कर पा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 06:10 AM (IST)
वाराणसी शहर उत्तरी विधायक का रिपोर्ट कार्ड : दौड़ रही विकास की गाड़ी, जनता नहीं कर पा रही सवारी
काली मंदिर से दौलतपुर जाने वाला क्षतिग्रस्त रोड।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। विकास की बह रही गंगा से उत्तरी विधानसभा क्षेत्र भी अछूता नहीं है। नए फ्लाईओवर ने आकार लिया तो मल्टीलेवल कार्यालय से लगायत पार्किंग तक कई परियोजनाएं जमीन पर दिखने को आतुर हैं, किंतु जनता इसे महसूस नहीं कर पा रही है। दौड़ रही विकास की गाड़ी पर जनता सवारी नहीं कर पा रही है। जनसमस्याएं अंगद के पांव की तरह टस से मस होने का नाम नहीं ले रहीं, जबकि विधायक रवींद्र जायसवाल ने निधि की राशि झकझोर कर जनसमस्याओं के निजात के नाम पर उड़ेली। इसके बावजूद नक्खीघाट, सरैया, सारनाथ, आशापुर, पांडेयपुर, पहडिय़ा, लोहामंडी, छोटा लालपुर, अर्दली बाजार समेत अन्य इलाकों की गलियां बजबजा रहीं हैं। कहीं सीवर नहीं तो कहीं नालियां जाम पड़ी हैं। सफाई व्यवस्था भी बदहाल है। हालांकि कई इलाकों में घरों से कूड़ा उठान हो रहा है, लेकिन कई क्षेत्रों में पुरानी व्यवस्था ही बरकरार है। विधायक निधि से लाखों-करोड़ों खर्चकर सड़कें बनीं, लेकिन जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गई। अनियोजित विकास का खामियाजा पब्लिक भुगत रही है।

सड़कों की बात करें तो कोई ऐसा मार्ग नहीं जहां बिना हिचकोलों के सफर पूरा किया जा सके। कुछ मुख्य मार्गों को छोड़ दें तो अधिकांश सड़कें जर्जर पड़ी हैं। हवेलिया चौराहा से केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान होते हुए पुराना आरटीओ कार्यालय मार्ग पूरी तरह ध्वस्त है। यही हाल फरीदपुर रिंग रोड से सारनाथ रेलवे स्टेशन तक की सड़क का भी है।

उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र सारनाथ है। विकास के बड़े-बड़े दावे तो किए गए, लेकिन जमीन पर कुछ भी खास गिनाने को नहीं है। सड़क की रेलिंग टूटी पड़ी है। फुटपाथ पर कब्जा जमाकर बालू-गिट्टी की दुकानें चलाई जा रही हैैं। वेंडिंग जोन के नाम पर गांव की चट्टी बसा दी गई है। मुख्य मार्ग पर कूड़ा डंपिंग जोन बना दिया गया है। वरुणापार क्षेत्र जाम की समस्या से जूझ रहा है। जाम का सबसे बड़ा हब कचहरी क्षेत्र बना हुआ है। विकास की खिल्ली उड़ाते हुए हजारों गाडिय़ां रोड पर खड़ी की जा रही हैं।

सरैया, नक्खीघाट समेत अन्य इलाकों में बुनकरों की अच्छी-खासी आबादी है, लेकिन कोविड के कारण चौपट हुए कारोबार को लेकर वे आंसू बहा रहे हैं। विकास के नाम पर इस विधानसभा क्षेत्र में कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि नहीं जो बेरोजगारों के आंसू पोछ सके और जनता के जख्मों पर मरहम लगा सके।

विधानसभा क्षेत्र के कोने-कोने में विकास कार्य को प्राथमिकता दी गई। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से 1.30 करोड़ खर्च कर 22 कार्यों को मूर्तरूप दिया गया। इसमें 13.45 लाख की लागत से 62 सोलर लाइट, 11.87 लाख की लागत से नवापुरा सारनाथ में ब्रांच व पेंटिंग कार्य आदि शामिल हैं। इसके अलावा विधायक निधि की 4.42 करोड़ से अधिक राशि खर्च कर 168 से अधिक कार्य हुए। मुख्य रूप से 16.60 लाख की लागत से इमलाक कालोनी में सड़क निर्माण कार्य, 14.60 की लागत से विभिन्न स्थलों पर 100 सोलर लाइट, 8.79 लाख की लागत से लहरतारा में सीवर कार्य व गली निर्माण, 8.50 लाख की लागत बुद्ध नगर कालोनी में इंटर लाकिंग कार्य आदि शामिल शामिल है। इसके अलावा त्वरित आर्थिक विकास योजना में 3.56 करोड़ खर्च कर पांच सड़कों का निर्माण हुआ। 1.23 करोड़ की लागत से बजरंग नगर कालोनी रमरेपुर के आंतरिक मार्ग का निर्माण कार्य, 105.90 लाख की लागत से सारनाथ वार्ड अंतर्गत बुद्धनगर कालोनी में आंतरिक मार्ग का निर्माण, 82.73 लाख की लागत से लक्ष्मनपुर वार्ड में इंटरलाकिंग कार्य, 34.90 लाख की लागत से सुदामानगर कालोनी रमरेपुर के आंतरिक मार्ग का निर्माण शामिल है। पूर्वांचल विकास निधि से भी 1.22 करोड़ खर्च कर 23 कार्य हुए। इसके अलावा बहुतायत कार्य स्वीकृत हैं, सभी दिसंबर तक आकार ले लेंगे।

- रवींद्र जायसवाल, विधायक शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र

विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है। जो हुआ, वह कागज पर। जो योजनाएं अब तक आकार नहीं ले सकीं, वह भी विधायक की उपलब्धि में शामिल कर ली गईं हैं। नक्खीघाट, पुराना पुल, शिवपुर, पांडेयपुर, सारनाथ समेत दर्जनों इलाकों की गलियां बजबजा रही हैं। सीवर का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। साफ-सफाई नदारद है। कज्जाकपुरा में पिछले सात साल से पुल बन रहा है। कचहरी के बाहर वाहन स्टैंड बना दिया गया है। गाडिय़ां इतनी कि गिनती नहीं की जा सकती है। मजे की बात यह कि इसका भी ठेका हो रहा है। फुलवरिया की हालत खराब है। अंडरपास बनता तो हजारों लोगों की तकलीफें दूर हो गई होतीं। विधायक जी को क्षेत्र का भोगौलिक ज्ञान तक नहीं है। जनता शिकायत करती है तो विधायक जी बांह चढ़ा लेते हैं।

-समद अंसारी, पूर्व विधायक

तीन साल पहले उपभोक्ता 800 रुपये बिजली का बिल जमा करता था, आज पांच हजार रुपये अदा कर रहा है। ऐसा विकास नहीं चाहिए। जलजमाव से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। सड़कें खस्ताहाल हैं। बारिश में पूरा क्षेत्र जलाशय सरीखा हो जा रहा है, कोई समाधान नहीं निकला।

-अजय पांडेय, खजुहीं

विकास के नाम पर सरकार खूब पैसा खर्च कर रही है, पर सरकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन होता नहीं दिख रहा है। गलियां बजबजा रही हैं। नई सड़कें एक साल भी नहीं चल रही हैं। बरसात में क्या गली, क्या सड़क हर तरफ पानी ही पानी दिखता है। लड़के पढ़-लिखकर बेरोजगारों की कतार में खड़े हैं।

-स्वतंत्र कुमार मिश्रा, सेवानिवृत्त शिक्षक, सारनाथ

उत्तरी के विधायक स्टांप व पंजीयन मंत्री भी हैं। दस्तावेजों में लगने वाले स्टांप, मुकदमे की पत्रावली में लगने वाले टिकट और कोर्ट फीस स्टांप की चोरबाजारी, कमीशनखोरी पर रोक नहीं लग पा रही है। शिकायत पर कई वेंडर पकड़े भी गए, निलंबित भी किए गए, इसके बावजूद समस्या बरकरार है। कोषागार से छोटे स्टांप की निकासी बीते फरवरी माह से ही लगभग बंद है। ई स्टांपिंग का लाइसेंस चुनिंदा लोगों के पास है जो मनमाना पैसा वसूलते हैं।

-नित्यानंद राय, पूर्व महामंत्री, बनारस बार एसोसिएशन, निवासी तेलियाबाग।

रेलवे स्टेशन से फरीदपुर रिंगरोड तक सड़क पर दर्जनों गड्ढे हैं। जनप्रतिनिधि फोन भी रिसीव नहीं करते। सड़कों पर स्ट्रीट लाइट नहीं है। क्षेत्रीय विधायक तक कुछ लोगों की ही पहुंच है। लगभग दो साल से सारनाथ मुख्य चौराहा से तिब्बती मंदिर मार्ग पर नालियां बजबजा रहीं हैं। सड़कों पर सीवर का पानी बह रहा है।

-चित्रा श्रीवास्तव, शक्तिपीठ आश्रम कालोनी, सारनाथ

शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र

कुल मतदाता 4,03,335

पुरुष मतदाता 2,22,123

महिला मतदाता 1,81,162

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