दान में मिले एंबुलेंस पर वसूल रहे किराया, वाराणसी परिवहन कार्यालय में पंजीकृत 520 एंबुलेंस में से दान में 155

एंबुलेंस के सेल लेटर पर यह नहीं लिखा होता है कि किसने दान दिया है। संस्था या व्यक्ति का नाम होता है। एंबुलेंस के साथ जनप्रतिनिधि बैंक या संस्था का लेटर पैड जरूर लगा होता है। दान किए हुए एंबुलेंस पंजीयन करने को परिवहन कार्यालय में आते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 08:32 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:32 PM (IST)
दान में मिले एंबुलेंस पर वसूल रहे किराया, वाराणसी परिवहन कार्यालय में पंजीकृत 520 एंबुलेंस में से दान में 155
दान में मिले एंबुलेंस से मरीजों को ढोने के लिए किराया मांग रहे हैं।

वाराणसी, जेएनएन। अध्यात्म की नगरी काशी में कोई भूखा पेट नहीं सोता है। जब-जब देश में विपदा पड़ी काशीवासी आगे आए और उसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वहीं, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण में एंबुलेंस संचालकाें और चालकों की मानवता मर गई। हालत यह है कि दान में मिले एंबुलेंस से मरीजों को ढोने के लिए किराया मांग रहे हैं। यही नहीं, परिवहन विभाग उनके पंजीयन समेत सभी टैक्स से मुक्त रखा है।

ऐसे में मरीज ढोने के नाम पर पैसा मांगना मानवाता को शर्मसार करता है। परिवहन कार्यालय में पंजीकृत करीब 520 एंबुलेंस में से 155 जनप्रतिनिधियों के निधि, पूंजीपतियों और विभिन्न बैंकों की ओर से चैरिटी के नाम पर दान किया गया है। चिकित्सक को भगवान का दूसरा रूप माना है। उनकाे समाज में सम्मान के नजरिए से देखा जाता है। हर व्यक्ति की आस्था भी उनसे जुड़ी है लेकिन कुछ तथाकथित चिकित्सक अपनी गरिमा गिराने के साथ अपने चिकित्सक समाज की छवि धूमिल कर रहे हैं। विभिन्न अस्पतालों के नाम परिवहन विभाग में करीब 520 एंबुलेंस पंजीकृत है। सभी टैक्सों से मुक्त एंबुलेंस का फायदा मरीजों को नहीं मिल रहा है। सवाल उठता है जनसेवा के नाम पंजीकृत और जनसेवा करने के लिए मिले एंबुलेंस कहां गए। स्वास्थ्य विभाग मरीजोें से मनमाना किराया वसूलने वाले एंबुलेंस चालकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता है।

एंबुलेंस के खिलाफ क्यों नहीं होती है कार्रवाई

सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों के खिलाफ परिवहन, यातायात और पुलिस विभाग कार्रवाई करता है लेकिन एंबुलेंस के खिलाफ तीनों विभाग कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं। हालांकि एंबुलेंस के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की अधिक होती है लेकिन कभी कार्रवाई की या नहीं उन्हें खुद याद नहीं है।

एंबुलेंस चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश यात्री कर अधिकारियों को दिया गया

एंबुलेंस के सेल लेटर पर यह नहीं लिखा होता है कि किसने दान दिया है। संस्था या व्यक्ति का नाम होता है। एंबुलेंस के साथ जनप्रतिनिधि, बैंक या संस्था का लेटर पैड जरूर लगा होता है। दान किए हुए एंबुलेंस पंजीयन करने को परिवहन कार्यालय में आते हैं। हालांकि एंबुलेंस का पंजीयन जनसेवा के नाम पर होता है। एंबुलेंस पर आने वाला खर्च संचालक या चालक ले सकता है। मनमाना किराया लेने वाले एंबुलेंस चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश यात्री कर अधिकारियों को दिया गया है।

-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)

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