इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक से डिजिटल होंगी मनरेगा परिसंपत्तियां, कार्यों का डाटा रहेगा सुरक्षित

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों का डिजिटल डाटा तैयार किया जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 04:14 PM (IST)
इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक से डिजिटल होंगी मनरेगा परिसंपत्तियां, कार्यों का डाटा रहेगा सुरक्षित
इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक से डिजिटल होंगी मनरेगा परिसंपत्तियां, कार्यों का डाटा रहेगा सुरक्षित

मीरजापुर [मनोज द्विवेदी]। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों का डिजिटल डाटा तैयार किया जाएगा। इसरो की रिमोट सेंसिंग तकनीक की मनरेगा परिसंपत्तियों की टैगिंग की जाएगी और सभी का डाटा आनलाइन उपलब्ध होगा। इससे न सिर्फ मनरेगा में चल रहे कागजी खेल पर रोक लगेगी बल्कि मनरेगा श्रमिकों को भी सहूलियत होगी। जनपद में इस तकनीक के प्रयोग से करीब चार सौ से ज्यादा मनरेगा संपत्तियों को आनलाइन किया जाएगा। 

जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत तालाब की खुदाई, कुओं की खुदाई,सड़क निर्माण, भूमि समतलीकरण, पौधारोपण, सरकारी विद्यालयों का जीर्णाद्धार, जलस्रोतों को पुर्नजीवित करने के कार्यों का ब्यौरा डिजिटल किया जाएगा। जो भी कोई कार्य मनरेगा श्रमिकों द्वारा कराया जाएगा उसे एक यूनिट मनरेगा संपत्ति माना जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि पंचायती राज विभाग व इसरो के बीच हुए करार के बाद इसरो के रिमोट सेंङ्क्षसग सेंटर से मनरेगा परिसंपत्तियों की टैगिंग की जाएगी। इससे यह स्पष्ट होगा कि कौन सा कार्य मनरेगा के तहत हुआ है। इसमें होने वाले परिवर्तन का भी डिजिटल डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। इस तकनीक के माध्यम से मनरेगा में एक ही काम को बार-बार होना दिखाकर राजस्व की हेराफेरी पर भी लगाम लगेगी।तकनीक का फायदा मनरेगा श्रमिकों को भी मिलेगा और उनके द्वारा किसी परिसंपत्ति पर किए गए कार्य का ब्यौरा भी आनलाइन दर्ज रहेगा। 

भुवन पोर्टल पर अपलोड होगा डाटा

रिमोट सेंसिंग तकनीक के माध्यम से टैंगिग के बाद मनरेगा परिसंपत्ति का डाटा भुवन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसे कहीं से भी आनलाइन देखा जा सकता है।पोर्टल से ही यह जानकारी मिलेगी कि ब्लाक या ग्राम पंचायत स्तर पर कितने कार्य मनरेगा के तहत कराए गए हैं और कितने कार्यों में कितने श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया। 

जनपद में मनरेगा

मनरेगा श्रमिक : 165952

न्याय पंचायत : 105

ग्राम पंचायत : 809

राजस्व गांव : 1877

बोले अधिकारी : इस तकनीक से मनरेगा परिसंपत्तियों का सटीक डाटा उपलब्ध होगा। साथ ही डिजिटली इसे सुरक्षित रखने का काम भी किया जाएगा। इससे मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी। - अरविंद कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी।

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