Srikashi Vishwanath Corridor निर्माण के दौरान मिले अवशेष रखे गए सुरक्षित, पुरातत्व की रिपोर्ट का इंतजार

श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर निर्माण के दौरान पुरातात्विक टीम ने मौका-मुआयना किया है। जांच कर रहे हैं। अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं। भवन अवशेष सुरक्षित रख दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 10:32 PM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 10:32 PM (IST)
Srikashi Vishwanath Corridor निर्माण के दौरान मिले अवशेष रखे गए सुरक्षित, पुरातत्व की रिपोर्ट का इंतजार
Srikashi Vishwanath Corridor निर्माण के दौरान मिले अवशेष रखे गए सुरक्षित, पुरातत्व की रिपोर्ट का इंतजार

वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर निर्माण के दौरान मिले भवन अवशेष की जांच करने के लिए शुक्रवार को पुरातत्व की टीम मौके पर पहुंची। इसमें क्षेत्रीय अधिकारी सुभाष यादव व बीएचयू के सेवानिवृत्ति प्रोफेसर मारुति नंदन तिवारी शामिल थे। भवन अवशेष की विभिन्न कोणों से तस्वीरें ली गईं। टीम अवशेष के कुछ अंश जांच के लिए साथ भी ले गई।

इस बाबत मंदिर सीईओ नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि पुरातात्विक टीम ने मौका-मुआयना किया है। जांच कर रहे हैं। अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं। भवन अवशेष सुरक्षित रख दिया गया है। पुरातत्व विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। इस बाबत पुरातत्व के क्षेत्रीय अधिकारी सुभाष यादव ने भी कुछ बोलने से इंकार कर दिया। कहा, जो भी मौके पर देखा व समझा  गया उससे जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से साझा कर दिया गया है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राचीन मंदिर है। पुरातत्वविदों की टीम को भी प्राचीन मंदिर के अंश होने के संकेत मिले हैं। ऐसे मंदिर गुजरात में बने हैं। हालांकि, भवन अवशेष को लेकर कयासों के बादल इस कदर छाए हैं कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में खुदाई के दौरान 16 वीं शताब्दी के मंदिर अवशेष मिलने का दावा भी किया जा रहा है। धाम परिसर में स्थित शृंगार गौरी के पश्चिम तरफ गुरुवार रात अपारनाथ मठ  की तरफ जेसीबी से खुदाई कराई जा रही थी। इसी दौरान जमीन से मंदिरों के कलात्मक अवशेष निकले। उसमें कलश और कमल के फूल स्पष्ट नजर आ रहे हैं।

कारिडोर में मिला प्राचीन मंदिर का अवशेष

श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर निर्माण में मलबा व मिट्टी उठान के दौरान गु़रुवार को एक प्राचीन मंदिर का अवशेष मिला है। शृंगार गौरी मंदिर के पास मिले इस अवशेष को जेसीबी से हटाकर सुरक्षित रख दिया गया है। हालांकि, इस बाबत मुख्य पालक अधिकारी गौरांग राठी ने स्पष्ट तौर पर मंदिर होने की बात से इंकार किया है। जांच के लिए पुरातत्व की टीम को बुलाया है। शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे तक पुरातत्व विशेषज्ञों की मौके पर पहुंचने की संभावना जताई है। कहा कि जांच के बाद ही प्राचीन मंदिर होने की बात स्पष्ट हो सकेगी। कहा, प्रथम दृष्टया वह किसी भवन का अवशेष समझ में आ रहा है क्योंकि जहां पर वह मिला है, वहां मंदिर होने की संभावना कम ही है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मिले अवशेष पर बनी नक्काशी प्राचीन मंदिर होने की ओर इशारा कर रहा है। अवशेष पर कमल व कलश की आकृतियां हैं।

chat bot
आपका साथी