वाराणसी में आक्सीजन की किल्लत के बीच राहत भरी खबर, अपना टैंकर हायर करने लगे हैं प्लांट वाले

राहत भरी खबर हैं कि अन्नपूर्णा इंडस्ट्रीज में ऑक्सीजन की क्षमता जल्द ही दोगुनी होने जा रही है। वह भी एक सप्ताह के अंदर। इसके लिए प्लांट में तैयार तैयार की जा रही है। फिलहाल इस कंपनी में प्रतिदिन करीब 900 सिलेंडर ऑक्सीजन की क्षमता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 06:10 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 06:10 AM (IST)
वाराणसी में आक्सीजन की किल्लत के बीच राहत भरी खबर, अपना टैंकर हायर करने लगे हैं प्लांट वाले
अन्नपूर्णा इंडस्ट्रीज में ऑक्सीजन की क्षमता जल्द ही दोगुनी होने जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण जिले में ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ गई है। कारण रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित ऑक्सीजन प्लांटों पर अब पूर्वांचल के अन्य जिलों का भी भार बढ़ गया है। हालांकि इस बीच एक राहत भरी खबर हैं कि अन्नपूर्णा इंडस्ट्रीज में ऑक्सीजन की क्षमता जल्द ही दोगुनी होने जा रही है। वह भी एक सप्ताह के अंदर। इसके लिए प्लांट में तैयार तैयार की जा रही है। फिलहाल इस कंपनी में प्रतिदिन करीब 900 सिलेंडर ऑक्सीजन की क्षमता है। यहां पर 900 और बढ़ने से रामनगर में ऑक्सीजन की क्षमता बढ़कर पांच हजार तक पहुंच जाएगी।

एक दिन ऑक्सीन टैंकर नहीं पहुंचने से बढ़ी धुकधुकी

ऑक्सीजन प्लांटों में ऑक्सीजन समाप्त होने के दो दिन पहले ही टैंकर आ जाता है, लेकिन बुधवार रात ऐसा न हो पाने से गुरुवार को प्लांट संचालकों के साथ ही प्रशासन की भी धड़कनें बढ़ गईं। हालांकि गुरुवार रात टैंकर रामनगर औद्योगिक प्लांट पहुंच गया। इसके बाद ही प्रशासन ने राहत की सांस ली। अगर यह टैंकर नहीं आता तो शुक्रवार को स्थिति भयावह हो सकती थी। कारण कि कुछ प्लांट में एक दिन की ही गैस रह गई है।

अपना टैंकर हायर करने लगे हैं प्लांट वाले

जिस प्रकार ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ी है और भाड़े के टैंकर से ऑक्सीजन मंगाने में आपूर्ति चेन बाधित हो रही है। इससे प्लांट संचालकों ने अपना टैंकर हायर करने का विचार बना लिया है। कुछ प्लांट संचालक टैंकर खरीद की तैयार में जुट गए हैं। मेड टेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक आरके वर्मा ने बताया कि जिस प्रकार से ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है ऐसे में खुद का टैंकर बहुत जरूरी हो गया है।

नाम इंडस्ट्रियल लेकिन ऑक्सीन मेडिकल के लिए ही

मेडिकल आक्सीजन 99 फीसद तक शुद्ध होती है। ऑक्सीजन की किल्लत के बीच वेल्डिंग गैस के भी उपयोग की भी बात सामने आ रही है। जानकार बताते हैं कि वेल्डिंग वाली गैस में 93-95 फीसद ही ऑक्सीजन होती है। शेष ऑर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनाे ऑक्साइड, मीथेन व एचटूएस जैसी जहरीली गैस होती है। ऐसे में अगर आप ऑक्सीजन का उपयोग कर रहे हैं तो काफी सोच-समझ कर करें। कारण कि इससे मरीज का दम घुटने लगता है। इससे लेने के देने पड़ सकते हैं। वहीं ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी के सहायक औषधि आयुक्त केजी गुप्ता ने बताया कि फिलहाल यहां पर भले ही इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के नाम से हैं, लेकिन यह मेडिकल उपयोग वाला है। इसलिए लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

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