कोरोना संक्रमण से मिली राहत तो 15 अगस्त तक जारी होगा स्वच्छता सर्वेक्षण का परिणाम
2020 की रिपोर्ट में वाराणसी की हालत पहले से काफी सुधरी है। देश में वाराणसी शहर को 3684.20 अंकों के साथ 27 वां स्थान मिला। 2019 वर्ष में 70 वां स्थान था। वाराणसी ने 43 पायदान की छलांग लगाई है। यूपी के 7 शहरों में बनारस छठे स्थान पर है।
वाराणसी, जेएनएन। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 का परिणाम 15 अगस्त तक जारी होने की उम्मीद है। कोरोना संक्रमण ने परिणाम की घोषणा करने में देरी हो सकती है। 31 मार्च को सर्वेक्षण हो चुका है। मई में परिणाम जारी होना था लेकिन कोरोना के बढ़ते दर को देखते हुए दो माह देरी से जारी होने की संभावना नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनपी सिंह की ओर से जताई जा रही है।
सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट में वाराणसी की हालत पहले से काफी सुधरी है। देश में वाराणसी शहर को 3684.20 अंकों के साथ 27 वां स्थान मिला। 2019 वर्ष में 70 वां स्थान था। वाराणसी ने 43 पायदान की छलांग लगाई है। यूपी के 7 शहरों में बनारस छठे स्थान पर है।
प्रदेश में लखनऊ नंबर एक पर है। आगरा नंबर दो, गाजियाबाद नंबर तीन, प्रयागराज नंबर चार, कानपुर नंबर पांच और वाराणसी नंबर छह पर है। इसके अलावा मेरठ नंबर सात पर है। लखनऊ में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के साथ महापौर मृदुला जायसवाल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, डीएम कौशल राज शर्मा और नगर आयुक्त गौरांग राठी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यह पुरस्कार प्राप्त किया था। स्वच्छ सर्वेक्षण विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण के लिए 4242 शहर कवर किए गए थे। 1.9 करोड़ नागरिकों से प्रतिक्रिया एकत्र की गई है। लगातार चौथी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनने की सूची में इंदौर नंबर वन रहा।
यह देश के वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण का पांचवा संस्करण था।शीर्ष प्रदर्शन वाले शहरों और राज्यों को कुल 129 पुरस्कार दिए गए।
गंगा किनारे सबसे स्वच्छ शहर बनारस
वहीं, देश में गंगा किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर का खिताब भी दिया गया था। इसमें पहला नंबर वाराणसी का था। प्राचीन, पवित्र शहर वाराणसी को गंगा नदी किनारे सबसे साफ शहर बनाने में प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा योगदान है। पीएम मोदी ने अस्सी घाट से स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। जिसके बाद से गंगा घाटों की सफाई दिन दूनी-रात चौगुनी रफ्तार से बेहतर होती चली गई। इसके चलते बनारस को यह पुरस्कार मिला।