पूर्वांचल में सरयू चेतावनी बिंदु के करीब, बाकी नदियों का जलस्तर कम होने से राहत
नेपाल से रह रहकर पानी छोड़े जाने की वजह से पूर्वांचल में सरयू नदी का जलस्तर रह रहकर कम और ज्यादा हो रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। नेपाल से रह रहकर पानी छोड़े जाने की वजह से पूर्वांचल में सरयू नदी का जलस्तर रह रहकर कम और ज्यादा हो रहा है। केंद्रीय जल आयेाग की ओर से रविवार की सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल बलिया के तुर्तीपार में 62.91 मीटर है जो चेतावनी बिंदु से 0.10 मीटर कम है। जबकि नदी का रुख घटाव की ओर है। वहीं गंगा सहित अन्य प्रमुख नदियों में भी पूर्वांचल में अब घटाव का रुख है। मानसून अब विदायी की ओर होने से बारिश भी कम हो रही है लिहाजा अब आने वाले दिनों में नदियों का रुख पूरी तरह घटाव की ओर हाेगा। हालांकि नदी का रुख घटाव की ओर होने के साथ ही निचले इलाकों में छूटे छाड़न और निचली सतह पर जमा पानी अब सड़ने लगा है। तटवर्ती इलाकों में इसकी वजह से बदबू और संक्रामक बीमारियों के बढ़ने का खतरा है।
दोपहर में केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मीरजापुर, वाराणसी और बलिया में गंगा का जलस्तर स्थिर होने की ओर है वहीं गाजीपुर में गंगा का रुख घटाव की ओर है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर स्थिर है जबकि सोनभद्र में रिहंद बांध का जलस्तर जहां घटाव की ओर है वहीं बाण सागर बांध और सोन नदी का जलस्तर बढ़ाव की ओर है।
मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिले के नदी के तटवर्ती इलाकों में नदियों द्वारा छोड़े हुए पानी की वजह से एक ओर जहां संक्रामक बीमारियां सिर उठा रही हैं वहीं खेताें में जलभराव की वजह से खेती किसानी का काम भी प्रभावित हो रहा है। धान की फसल चौपट होने के बाद अब अधिक नमी की वजह से निचले इलाकों में सब्जियों की खेती में भी देरी हो रही है। नदियों में बाढ़ की वजह से हरे चारे का भी निचले इलाकों में अभाव होने से पशु पालन में दुश्वारी हो रही है। किसानों को पशुओं के लिए दूर दराज से हरे चारे का इंतजाम करना पड़ रहा है। हालांकि आने वाले दिनों में पानी सूखने के बाद ही किसानों के लिए राहत की स्थिति होगी।