वाराणसी में अधिक धुआं देने वाले वाहनों का निरस्त होगा पंजीयन, एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जताई आपत्ति

शहर की हवा दूषित होने विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने पर अब परिवहन विभाग ने भी कमर कस ली है। अपर परिवहन आयुक्त डीके त्रिपाठी के निर्देश पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ने गाड़ी मालिकों को अपने वाहनों के प्रदूषण की जांच कराने का निर्देश दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 07:30 AM (IST)
वाराणसी में अधिक धुआं देने वाले वाहनों का निरस्त होगा पंजीयन, एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जताई आपत्ति
वाहनों के प्रदूषण की जांच कराने का निर्देश दिया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहर की हवा दूषित होने, विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने पर अब परिवहन विभाग ने भी कमर कस ली है। अपर परिवहन आयुक्त डीके त्रिपाठी के निर्देश पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ने गाड़ी मालिकों को अपने वाहनों के प्रदूषण की जांच कराने का निर्देश दिया है। मानक से अधिक धुआं देने पर गाडिय़ों का चालान करने के साथ जुर्माना किया जाएगा। जुर्माना राशि 10 हजार रुपये है। दोबारा जांच में पकड़े जाने पर उन वाहनों का पंजीयन निरस्त किए जाएंगे। अभियान में जिला प्रशासन और पुलिस साथ रहेगी। परिवहन विभाग जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से संपर्क कर अभियान की तैयारी करें।

इंजन खराब होने, समय पर मरम्मत नहीं होने से गाडिय़ां अधिक धुआं देती है, इसका सीधा असर वायु प्रदूषण पर पड़ता है। जहरीली हवा आमजन के लिए घातक है। यह जानलेवा साबित हो रही हैं। एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कई बार जिला प्रशासन समेत परिवहन विभाग को चेता चुका है कि अधिक धुआं देने वाले वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें। फिर भी अधिक धुआं देने वाले वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई नहीं हो रही थी। शहर की हवा दूषित होने के चलते अब लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। अधिक धुआं देने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर अपर परिवहन आयुक्त ने जिला प्रशासन और परिवहन विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अपर परिवहन आयुक्त के आदेश पर एआरटीओ ने गाड़ी मालिकों से अनुरोध किया है कि वे अपनी गाड़ी के प्रदूषण की जांच करा लें। अधिक धुआं देने पर गाड़ी के इंजन की मरम्मत कराएं, फिर भी गाडिय़ों का मरम्मत नहीं कराने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।

प्रदूषण जांच केंद्रों की होगी जांच

एआरटीओ ने जनपद में लाइसेंस प्राप्त 57 प्रदूषण जांच केंद्र संचालकों को निर्देश दिया है कि गाड़ी की जांच गंभीरता से करें। अधिक धुआं देने वाले गाड़ी मालिकों को चेतावनी देने के साथ इंजन दुरुस्त कराने को कहें। अधिक धुआं देने के बावजूद कम दिखाने वाले प्रदूषण जांच केंद्र संचालकों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। माह में कितनी गाडिय़ों के प्रदूषण की जांच की और क्या रिपोर्ट आइ इसकी भी जांच होगी। --

गलत रिपोर्ट पर तीन के खिलाफ हुई कार्रवाई

प्रदूषण जांच केंद्र संचालक की ओर से गलत रिपोर्ट देने पर तीन के खिलाफ परिवहन विभाग ने कार्रवाई की है। तीनों के लाइसेंस निलंबित करने के लिए एआरटीओ ने मुख्यालय रिपोर्ट भेजी है।

शहर की हवा दूषित और अधिक धुआं देने वाले गाड़ी मालिकों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में सभी गाड़ी मालिक अपने वाहनों के प्रदूषण की जांच नजदीक के प्रदूषण जांच केंद्र पर हरहाल में करा लें। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी इंजन मरम्मत नहीं कराने और दोबारा जांच में अधिक धुआं देने वाले वाहनों के पंजीयन निरस्त किए जाएंगे।

-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)

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