किरायेदारी का रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य, वाराणसी के निबंधन कार्यालय में होगा अलग काउंटर

मकान मालिक व किरायेदार के बीच आए दिन आवास पर कब्जा व किराया बढ़ाने आदि को लेकर होने वाले विवाद पर विराम लगेगा। शासन ने अब किरायेदारी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। हालांकि रजिस्ट्रेशन पहले भी हो रहा था लेकिन गिने चुने ही लोग करा रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 06:10 AM (IST)
किरायेदारी का रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य, वाराणसी के निबंधन कार्यालय में होगा अलग काउंटर
शासन ने अब किरायेदारी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है।

वाराणसी, जेएनएन। मकान मालिक व किरायेदार के बीच आए दिन आवास पर कब्जा व किराया बढ़ाने आदि को लेकर होने वाले विवाद पर विराम लगेगा। शासन ने अब किरायेदारी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। हालांकि रजिस्ट्रेशन पहले भी हो रहा था लेकिन गिने चुने ही लोग करा रहे थे। अब इसके लिए निबंधन कार्यालय में अलग काउंटर होगा ताकि लोगों को परेशानी न हो।

किराया विनियमन अध्यादेश प्रभावी होने के बाद अब एक वर्ष से अधिक के समस्त किराया अनुबंधों को लिखित रूप से रेट अथारिटी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। इस अध्यादेश के अंतर्गत एक जनवरी 1950 से अब तक के सभी किराया अनुबंध आएंगे। पूर्व में निर्धारित दर यानी चार फीसद शहरी व गांव में दो फीसद स्टांप ड्यूटी प्रभावी रहेगी। रजिस्ट्रेशन शुल्क एक फीसद देना होगा।

शासन का मानना है कि किरायेदारी रजिस्ट्रेशन न होने के कारण शहरी क्षेत्र में आए दिन बवाल की आशंका बनी रहती है। सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा तो बहुत हद तक घटनाओं पर रोक लगेगी।

महानिरीक्षक निबंधन मिनिस्ती एस. की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि अध्यादेश लागू होने के कारण बड़ी संख्या में किरायेदारी अनुबंध रजिस्ट्रीकरण के लिए प्रस्तुत हो सकते हैं। समस्त उप निबंधक कार्यालय किराया अनुबंधों के पंजीयन के लिए एक विशेष काउंटर बनाए। इसके अतिरिक्त सहायक महानिरीक्षक निबंधन नोडल अधिकारी के रूप में किराया अनुबंधों का विवरण पाने को अध्यादेश की धारा-30 के अंतर्गत नियुक्त रेंट अथारिटी के संपर्क में रहेंगे। अनुबंधों पर पर्याप्त स्टांप व रजिस्ट्रेशन शुल्क प्राप्त हो सकता है। साथ ही उपमहानिरीक्षक निबंधन अपने क्षेत्र में निरंतर अनुश्रवण व समीक्षा करेंगे।

महत्वपूर्ण बिंदु

-शहरी क्षेत्र में चार फीसद स्टांप ड्यूटी

-एक फीसद देय होगा पंजीयन शुल्क

-गांव में देना होगा दो फीसद स्टांप ड्यूटी

 -एक वर्ष से कम पर रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं

-पांच साल पर वार्षिक औसत किराये के तीन गुने पर चार फीसद स्टांप ड्यूटी

-पांच साल से दस साल पर वार्षिक औसत किराये के चार गुना पर चार फीसद

-दस से बीस साल पर वार्षिक औसत किराये पर पांच गुने पर चार फीसद

-बीस से तीस साल पर वार्षिक औसत किराये पर छह गुना पर चार फीसद

फायदा होगा

किरायेदारी रजिस्ट्रेशन मकान मालिक के साथ ही किरायेदार के लिए भी लाभकारी है। रजिस्ट्रेशन के दौरान सभी शर्ते शामिल होती है। मकान मालिक अगर दो साल पर किराया बढ़ाना चाहता है तो इसमें इसका उल्लेख होता है। सभी अनुबंध लिखित होते हैं। इसलिए सरकारी दस्तावेज की तरह इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

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