वाराणसी के खिड़किया घाट पुनरुद्धार पर रेलवे का लाल सिग्नल, पुल के नीचे की जमीन के उपयोग को कंपनी ने मांगी अनुमति

वाराणसी खिड़किया घाट पुनरुद्धार व विकास कार्य पर रेलवे ने लाल झंडी दिखा दी है। राजघाट रेलवे पुल के नीचे रेलवे की जमीन है जबकि प्रस्तावित डीपीआर में खिड़किया घाट से राजघाट तक विकास कार्य करना है। रेलवे पुल के नीचे भी पक्का घाट निर्माण व सुंदरीकरण कार्य होना है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 07:50 AM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 10:29 AM (IST)
वाराणसी के खिड़किया घाट पुनरुद्धार पर रेलवे का लाल सिग्नल, पुल के नीचे की जमीन के उपयोग को कंपनी ने मांगी अनुमति
वाराणसी के खिड़किया घाट पुनरुद्धार व विकास कार्य पर रेलवे ने लाल झंडी दिखा दी है।

वाराणसी, जेएनएन। खिड़किया घाट पुनरुद्धार व विकास कार्य पर रेलवे ने लाल झंडी दिखा दी है। राजघाट रेलवे पुल के नीचे रेलवे की जमीन है जबकि प्रस्तावित डीपीआर में खिड़किया घाट से राजघाट तक विकास कार्य करना है। इसके लिए रेलवे पुल के नीचे भी पक्का घाट निर्माण व सुंदरीकरण कार्य होना है। समीप पर ही कार व बाइक पार्किंग की व्यवस्था होनी है। वाराणसी जमीन के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से रेलवे प्रशासन की ओर से अनापत्ति मांगी गई है लेकिन अब तक नहीं मिल सकी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्य की पूर्णता तिथि सितंबर 2021 तय की है। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन ने कार्य को गति दी है लेकिन रेलवे के अनापत्ति पत्र मिलने में देरी विकास कार्य की अंतिम मियाद को प्रभावित कर सकती है। डीपीआर के अनुसार गंगा किनारे अर्धचंद्राकार घाटों की मनोहारी छवि निहारने काशी आने वाले दुनिया भर के लोगों के लिए अब खिड़किया घाट एक नया केंद्र होगा। यह नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन जल, थल और नभ तीनों से जुड़ा होगा क्योंकि समीप ही हेलीपैड बन रहा है तो काशी रेलवे स्टेशन पहले से है। वहीं, गंगा में मोटर जलयान संचालन की कवायद तेज कर दी गई है। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन के जनरल मैनेजर अनिल यादव ने बताया कि करीब 11.5 एकड़ में बन रहे इस घाट की लागत लगभग 35.83 करोड़ है, जो जुलाई 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

इस प्रोजेक्ट की डिजाइन, इंजीनियरिंग और डीपीआर बनाने वाली कंपनी प्लानर इंडिया ने बताया कि गैबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया जा रहा है, यानी देखने में पुराने घाटों की तरह होगा और बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। खास बात यह कि  यह निर्माण इको फ्रेंडली है। घाट पर ही वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है, जो अन्य घाटों पर नहीं है।  घाट पर सभी सुविधाएं एक साथ मिलेगी जिसके लिए पहले आप को कई जगह भटकना पड़ता था। मसलन, पर्यटक यहां से काशी विश्वनाथ मंदिर का टिकट ले सकते हैं ,वाटर स्पोट्र्स का मजा ले सकेंगे, लाइब्रेरी में किताबें पढ़ सकेंगे, तो सेहतमंद रहने के लिए सुबह माॄनग वाक, व्यायाम और योग कर सकेंगे। यहां जेटी होगी, जहां से बोट द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम जा सकेंगे। नौकाविहार का आनंद लेते हुए घाटों का नजारा देख सकेंगे। सीएनजी स्टेशन के साथ ही आरओ प्लांट, शिल्पियों के लिए जगह होगी जहां हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद बेच सकेंगे। 1.6 एकड़ में एक बहु-उद्देशीय प्लेटफार्म बन रहा है, जिसपर दो हेलीकाप्टर उतर सकते हैं।

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