वाराणसी के रामनगर पालिका प्रशासन ट्राली से ले गया शव, कोरोना से जवान बेटे के निधन पर मां का बुरा हाल
रविवार को एक और हृदयविदारक घटना ने मानवता को तार तार कर दिया।रामनगर में एक युवक की मौत के बाद चर्चा उठी कि उसकी मौत कोरोना से हुई है।बेटे की लाश के पास मां घंटों बैठी रही। बेटे के लाश को देख आंखों के आंसू रूक ही नहीं रहे थे।
वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी में दो सप्ताह पहले ई रिक्शा में मां के कदमों में पड़ी जवान बेटे की लाश की घटना अभी लोग भूले भी नहीं थे कि रविवार को एक और हृदयविदारक घटना ने मानवता को तार तार कर दिया।रामनगर में एक युवक की मौत के बाद चर्चा उठी कि उसकी मौत कोरोना से हुई है।बेटे की लाश के पास दुखिहारी मां घंटों बैठी रही। बेटे के लाश को देख उसके आंखों के आंसू रूक ही नहीं रहे थे। लाचार मां की पीड़ा जब इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई तो नगर पालिका परिषद रामनगर के सभासद व पूर्व सभासद रहनुमा बनकर सामने आए। सभासदों ने कंधा देने से लेकर अंतिम संस्कार तक परिजनों का साथ दिया।हालांकि कुछ दूरी कंधा देने के बाद नगर पालिका प्रशासन के कर्मचारी ट्राली पर शव को रखकर शमशान घाट तक ले गये।जबकि कंधा दिये लोगों ने ट्राली पर शव ले जाने पर आपत्ति जताई।पालिका प्रशासन की ओर से शव को ले जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था नहीं किये जाने की चर्चा होती रही।
रामनगर किले के पास स्थित मोटरखाने में विधवा महिला मधु सक्सेना अपने अर्धविक्षिप्त पुत्र 44 वर्षीय प्रशांत के साथ रहती हैं। जबकि छोटा बेटा कानपुर में रहता है। प्रशांत की रविवार को किसी वजह से मौत हो गई। चर्चा यह थी कि कोरोना से उसकी मौत हुई है। जैसे ही यह चर्चा फैली किसी ने उनके पास जाने की जहमत नहीं उठाई। पड़ोस के लोग भी झांकने तक नहीं पहुंचे। मां मधु भी शव से कुछ दूर बेसुध सी पड़ी किसी रहनुमा का इंतज़ार करने लगी। शाम पांच बजे कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाई और परिवार के पास पहुंचे।
इधर इंटरनेट मीडिया पर घटना वायरल होने के बाद थाना प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश राय मय फोर्स मौके पर पहुंचे। पूर्व सभासद संजय यादव,भाजपा सभासद संतोष शर्मा,पूर्व कांग्रेस सभासद राजेंद्र गुप्ता, अशोक साहनी,संतोष गुप्ता, विपिन सिंह, सहित कई लोग पहुंच गए। शवों के अंत्येष्टि कर्म के लिए नगरपालिका की ओर से गठित समिति के सदस्य संजय पाल भी मौके पर पहुंचे। शाम छह बजे छोटा भाई भी कानपुर से पहुंच गया। इसके बाद सभी की मदद से प्रशांत के अंतिम संस्कार की रस्में स्थानीय श्मशान घाट पर पूरी की गई।