रमजान 2021 : रहमते-इलाही की आस में रातभर चला इबादतों का सिलसिला, शब-ए-कद्र की चौथी रात नफ्ली नमाजों का किया गया एहतेमाम
रहमत-ए-इलाही की आस में उम्मते-मुस्लिमा ने शब-ए-कद्र की चौथ रात इबादतों में मशगूल रही। रात भर घरों में तिलावते कलामपाक की सदा बुलंद रही तो वहीं नफ्ली नमाजों का भी एहतेमाम किया गया।इफ्तार के दस्तरख्वान पर नन्हें रोजेदारों ने भी खुदा से बीमारों के जल्द शिफा की दुआ मांगी।
वाराणसी, जेएनएन। रहमत-ए-इलाही की आस में उम्मते-मुस्लिमा ने शब-ए-कद्र की चौथ रात इबादतों में मशगूल रही। रात भर घरों में तिलावते कलामपाक की सदा बुलंद रही तो वहीं नफ्ली नमाजों का भी एहतेमाम किया गया। इससे पहले रविवार को मगरिब की अजान होते ही रोजेदारों ने खजूर व शर्बत से रोजा खोला और अपना 26वां रोजा मुकम्मल किया। इफ्तार के दस्तरख्वान पर नन्हें रोजेदारों ने भी खुदा से बीमारों के जल्द शिफा की दुआ मांगी।
इशा की नमाज अदा करने के बाद इबादतगुजारों ने थोड़ा आराम किया, फिर कुछ लोगों ने मस्जिदों का रुख किया तो वहीं बाकियों ने घर पर रहकर ही इबादतों का सिलसिला सारी रात जारी रखा। कोरोना महामारी के मुश्किल हालात में किसी ने रोजी-रोटी, किसी ने अपनों के सलामती तो कुछ ने बीमारों के जल्द ठीक होने की दुआ मांगी। उलमा ए कराम बताते हैं कि शब-ए-क्रद वह अजीम रात है, जिसके बारे में फरमाया गया है कि इस एक रात इबादत करना हजार महीनों की इबादत से अफजल है। अाखिरी अशरे की ताक रातों (21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं व 29वीं) में इबादतों के जरिए 'शब-ए-कद्र' की तलाश करने का हुक्म है। पिछले रमजान के मुकाबले इस बार कोरोना का प्रकोप अधिक है। इस बार न सिर्फ संक्रमण की दर ज्यादा है, बल्कि अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। रमजान के आखिरी अशरे में रहमते-इलाही झूम कर बरस रही है। न सिर्फ कोरोना संक्रमण दर में तेजी से कमी आई, बल्कि रोजाना होने वालों मौतें भी तेजी से घट गई है।
कोविड नियम के साथ रोजा इफ्तार
बजरडीहा हथकरघा क्लस्टर विकास संस्थान की ओर से रविवार को आजाद नगर स्थित मोहम्मद सालिम के आवास पर सामूहिक रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। काेविड नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कम ही लोगों को दावत दी गई थी। सीमित रोजेदार कोविड नियमों का पालन करते हुए इफ्तार में शामिल हुए। विकास संस्थान के अध्यक्ष मोहम्मद स्वालेह ने कहा कि मगरिब की नमाज के बाद न केवल बनारस बल्कि पूरे मुल्क से कोरोना के खात्मे और तरक्की-खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गई। इस अवसर पर हारिस अंसारी, हामिद अंसारी, मोहम्मद शोएब, नूरुद्दीन, कलाम आजाद, सगीर अहमद, बाबू भाई, मुमताज, राधे प्रजापति, स्वामी नाथ प्रजापति, लक्खन लाल चौहान, पारस यादव, चंद्र भूषण सिंह आदि थे।