रमजान 2021 : वाराणसी में रवायत की दस्तरख्वान पर सजी तहजीब की इफ्तार, कोरोना महामारी से निजातके लिए हुई दुआख्वानी
दस्तरख्वान पर एक से बढ़कर एक लजीज पकवान करीने से सजाए गए थे। शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए रोजेदार बैठे। मगरिब की अजान की सदा बुलंद होते ही रोजेदारों ने खजूर व शर्बत से रोजा खोला।
वाराणसी, जेएनएन। भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के सराय हड़हा स्थित आवास पर रमजान के पहले बुधवार को कदीमी रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पिछली बार की तरह इस बार भी सीमित रोजेदार ही पहुंचे। मगरिब की नमाज के बाद नमाजियों ने कोरोना महामारी से निजात व मुल्क में अमनो-आमान की दुआएं मांगीं।
मगरिब की नमाज के ठीक पहले उस्ताद के ऐतिहासिक बैठका में रोजेदार जुटे। दस्तरख्वान पर एक से बढ़कर एक लजीज पकवान करीने से सजाए गए थे। शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए रोजेदार बैठे। मगरिब की अजान की सदा बुलंद होते ही रोजेदारों ने खजूर व शर्बत से रोजा खोला।
उस्ताद के पौत्र आफाक हैदर के मुताबिक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने अपने निवास पर 70 साल पहले इस कदीमी इफ्तार की शुरुआत रमजान के पहले बुधवार को की थी। मगरिब की नमाज मौलाना सैयद अकील हुसैनी ने नमाज अदा कराई। साथ ही आयोजित मजलिस को खेताब भी किया। इस अवसर पर उस्ताद के पुत्र काजिम हुसैन, नाजिम हुसैन, पौत्र मोहम्मद सिब्तैन, नवासे हादी हसन सहित मुनाजिर हुसैन मंजू, मुर्तजा अब्बास शम्सी, सैयद फरमान हैदर आदि थे।
रोजेदार लगवा सकते हैं टीका, नहीं टूटेगा रोजा
मुकद्दस माह रमजान में हर कोई इबादत में मशगूल है। खुदा की रजा के लिए न सिर्फ रोजे का एहतेमाम किया जा रहा है, बल्कि गरीबों-मिश्किनों की मदद भी दिल खोलकर की जा रही है। कोरोना का संक्रमण चरम पर है। इससे निबटने के लिए टीकाकरण सरकार की प्राथमिकता में से है। ऐसे में आम रो•ोदार अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए टीका लगवा सकता है। शाही मस्जिद बादशाहबाग के इमाम मौलाना हसीन अहमद हबीबी के मुताबिक सामान्य टीका की तरह कोरोना टीका भी है। इसे लगवाने पर रोजा नहीं टूटेगा। मौलाना हबीबी ने उम्मते मुस्लिमा से अपील करते हुए कहा कि दीनी फर्ज की अदायगी के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाहन करें। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का साथ दें। 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग नजदीकी टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचें और टीका लगवाकर स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित करें। टीका लगने के बाद भी कोविड-19 नियमों का पालन करते रहें।
रमजान में खान-पान व प्रतिरोधक क्षमता का रखें ख्याल
मुकद्दस महीना रमजान की शुरुआत इस बार भीषण गर्मी में हुई है। तपिश के साथ कोरोना संक्रमण भी रोजेदारों के सब्र का इम्तेहान ले रहा है। राजकीय जिला होम्योपैथिक चिकित्सालय-भेलूपुर के चिकित्साधिकारी डा. अनिल गुप्ता बताते हैं कि कुछ चिकित्सीय परामर्श पर ध्यान देने से रोजे के दौरान स्वास्थ्य बना रहेगा कोरोना संक्रमण से भी बचाव होगा।
- रोजेदार अपने खान-पान, आहार-विहार पर ध्यान दें।
- कोरोना से बचाव के लिए घर में ही रहें और अल्लाह की इबादत करें।
- बहुत जरूरी होने पर ही भीड़ में निकलें।
- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम न हो इसलिए खाने में विटामिन-सी युक्त पदार्थों जैसे नींबू, संतरा, मौसमी, नारंगी के साथ मौसमी फलों, साबुत अनाज, शर्बत, रस, दूध एवं दही को शामिल करें।
- पोषक आहार के साथ दिन की शुरुआत (सहरी) करना बेहतर होगा।
- इफ्तार में भी खान-पान का ध्यान रखें, ताकि कमजोरी न होने पाए।
- सहरी व इफ्तार में कार्बोहाड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, पोटैशियम एवं लवणयुक्त भोज्य पदार्थों का संतुलित रूप से सेवन करें।
- गर्भवती एवं बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं, अशक्त बुजुर्गों, अनियंत्रित मधुमेह या रक्तचाप के रोगियों, बच्चों सहित कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति रोजा रखने से बचें।
- भीषण गर्मी में शरीर निर्जलीकरण (शरीर में पानी, लवण की मात्रा की कमी) न हो इसके लिए इफ्तार एवं सहरी में नींबू-पानी, शर्बत, तरबूज, खीरा, ककड़ी, केला का भरपूर सेवन करें। कोशिश करें कि कम से कम 2.5 लीटर (लगभग 10 गिलास) पानी अवश्य पियें।
- घी, तेल, मसालों, ज्यादा नमक वाली चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
- कोरोना बीमारी से बचाव के लिए 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग टीका जरूर लगवाएं। इससे रोजे से होने पर भी कोई दिक्कत नहीं आती है।