रमजान 2021 : जरूरतमंदों की मदद को बढ़े हाथ, बंटने लगी जकात, अपनी कमाई का चालीसवां हिस्सा कर रहे तक्सीम

कोरोना महामारी भले ही लाख आजमाइश ले लेकिन आखिरकार जीत इंसानियत की ही होगी। इस मुश्किल घड़ी में मददगारों की न कोई जाति है और न कोई धर्म। परेशानहाल लोग जहां भी दिखे मदद को हाथ बढ़ चले। मदद पाने वालों के लिए बस रहमत हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 06:10 AM (IST)
रमजान 2021 : जरूरतमंदों की मदद को बढ़े हाथ, बंटने लगी जकात, अपनी कमाई का चालीसवां हिस्सा कर रहे तक्सीम
मदद पाने वालों के लिए बस रहमत हैं।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी भले ही लाख आजमाइश ले, लेकिन आखिरकार जीत इंसानियत की ही होगी। इस मुश्किल घड़ी में मददगारों की न कोई जाति है और न कोई धर्म। परेशानहाल लोग जहां भी दिखे, मदद को हाथ बढ़ चले। वो हाथ चाहे राम के हों या रहीम के, मदद पाने वालों के लिए बस रहमत हैं। इसी जज्बे के साथ रोजेदार भी शरीअत के मुताबिक अपनी कमाई का चालीसवां हिस्सा जकात के रूप में निकाल रहे हैं और मदद पहुंचाकर मुरझाए चेहरों पर मुस्कान बिखेर रहे हैं। इसके अलावा सामाजिक संस्थाओं ने भी अपनी झोली जरूरतमंदों के लिए खोलनी शुरू कर दी है।

सामाजिक संस्था मरियम फाउंडेशन फार एजुकेशन एंड हेल्थ ने एक बार फिर 'मेरा शहर मेरी शान' प्रोग्राम के तहत गरीब परिवारों में इफ्तार किट बांटना शुरू कर दिया है। समाजसेवाी व संस्था के महासचिव मोहम्मद शाहिद अंसारी कहते हैं कि रमजान का पाक महीना दिल खोलकर लोगों की मदद के लिए है। इस वकत कोरोना हम सब के जज्बे और सब्र का इम्तेहान ले रहा है। हमें एकजुटता दिखाते हुए इस मुसीबत का सामना करना होगा। अपनी क्षमता के हिसाब से अपने आस-पास के लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाएं। रोजेदारों से अपील है कि जकात व सदका की रकम से उन लोगों की मदद करें, जो असल में इसके हकदार हैं।

इमाम हसन की शान में सजी कदीमी महफिल

औरंगाबाद स्थित मस्जिद मीर नजीर में इमाम हुसैन की शान में शुक्रवार को कदीमी महफिल व इफ्तार का आयोजन किया गया। सीमित रोजेदारों ने पहुंचकर कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए रस्म अदायगी की। मगरिब की नमाज मौलाना बाकर रजा बलियावी ने अदा कराई। नमाज के बाद कोरोना के खात्मे व बीमार लोगों की सेहत के लिए दुआएं की गई। इसके बाद महफिल का आगाज शायर दिलकश गाजीपुरी ने किया। वहीं शाद सीवानी, जैन बनारसी, आमिर चंदौलवी, नकी बनारसी, नजाकत बनारसी, नबील बनारसी आदि ने इमाम हसन की शान में कलाम पेश किए। सदारत मौलाना जहीन हैदर ने किया। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि शनिवार, 18 रमजान की शाम से मौला अली की शहादत की याद में मजलिस मातम, अलम, ताबूत का सिलसिला शुरू होगा जो मंगलवार, 21 रमजान की शाम तक चलेगा।

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